Friday 7 April 2017

#2435
नाम से पहले प्रोफेसर लगाने पर शिक्षा राज्यमंत्री को हाईकोर्ट का नोटिस। वासुदेव देवनानी ने प्रोफेसर होने से इंकार किया।
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7 अप्रैल को राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस मनीष भंडारी ने शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी और राज्य सरकार ने नोटिस जारी किए थे। नोटिस अजमेर निवासी लोकेश शर्मा की एक याचिका पर जारी हुए हैं। शर्मा ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि देवनानी के पास प्रोफेसर की शैक्षणिक योग्यता नहीं है। लेकिन इसके बावजूद भी देवनानी अपने नाम से पहले प्रोफेसर शब्द का इस्तेमाल करते हैं। सरकारी प्रेस नोट में भी देवनानी को प्रोफेसर ही बताया जाता है, जबकि प्रोफेसर बनने के लिए यूजीसी के नियमों के तहत नियुक्ति होनी चाहिए। देवनानी तो सिर्फ बीई ही हैं। देवनानी गलत तरीके से अपने नाम के साथ प्रोफेसर शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं। याचिका में मांग की गई है कि देवनानी को प्रोफेसर शब्द का इस्तेमाल नहीं करने के आदेश दिए जाए। 
देवनानी का इंकार:
नाम से पहले प्रोफेसर लगाने पर आरटीआई के तहत शिक्षा विभाग ने जवाब दिया है। इस जवाब में देवनानी की ओर से यह स्वीकार किया गया कि उनके पास प्रोफेसर की शैक्षिक योग्यता और डिग्री नहीं है, लेकिन लोग उन्हें प्रोफेसर के नाम से बुलाते हैं, इसलिए उन्होंने अपने नाम से पहले प्रोफेसर शब्द लगा रखा है। 
(एस.पी.मित्तल) (07-04-17)
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