Sunday 30 April 2017

#2517
500 लड़कों के मुकाबले मात्र 250 लड़कियां। अजमेर में हुआ अग्रवाल समाज का वैवाहिक परिचय सम्मेलन।
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30 अप्रेल को अजमेर के जनकपुरी समारोह स्थल पर अग्रवाल समाज के एक धड़े का वैवाहिक परिचय सम्मेलन हुआ। इस सम्मेलन में समाज की प्रतिष्ठा के अनुरूप शान-ओ-शौकत तो पूरी थी, लेकिन इसे विडम्बना ही कहा जाएगा कि स्मारिका में 500 लड़कों के मुकाबले 250 लड़कियों के नाम ही दर्ज थे। युवक-युवतियों के बायोडेटा देखने से भी जाहिर था कि बेटियां बहुत आगे हैं। इस वैवाहिक स्मारिका से पता चल रहा था कि अन्य समाजों की तरह अग्रवाल समाज का भी बुरा हाल है। सवाल उठता है कि स्मारिका में 500 लड़कों के मुकाबले 250 लड़कियों के नाम ही क्यों दर्ज हैं? असल में लड़कियों के ज्यादा पढ़-लिख जाने और अच्छे पैकेज की नौकरी मिल जाने की वजह से समय पर लड़कियों का विवाह आसानी से हो जाता है। जबकि ना पढ़ाई करने और ना रोजगार मिलने की वजह से कुंआरे लड़कों की संख्या लगातार बढ़ती जाती है। ऐसे कई कुंआरे हैं, जो अपने समाज के हर सम्मेलन में अपना नाम दर्ज करवाते हैं। लेकिन फिर भी विवाह नहीं हो पाता। जो लोग समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्हें इस गंभीर समस्या पर विचार करना होगा, नहीं तो आने वाले समय में स्मारिकाओं में लड़कियों की संख्या और कम हो जाएगी।
पदाधिकारी भी कराएं अपने बच्चों के विवाह :
वैवाहिक परिचय और सामूहिक विवाह के सम्मेलन सभी समाजों में होने लगे हैं, इसमें कोई दो राय नहीं कि इससे आर्थिक दृष्टि से कमजोर परिवारों को लाभ मिलता है। लेकिन ऐसे सम्मेलनों का महत्व तभी होगा, जब समाज के पदाधिकारी भी अपने बेटे-बेटियों का विवाह अथवा परिचय ऐसे सम्मेलनों में कराएं। आम तौर पर होता यह है कि समाज के प्रतिनिधि अपने बच्चों के विवाह के समारोह पर तो 50 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपए तक का खर्च करते हैं और फिर ऐसे सम्मेलनों में आकर दहेज और फिजूलखर्ची पर भाषण देते हैं। ऐसे पदाधिकारी भाषण इसलिए दे पाते हैं कि सम्मेलन को करवाने में हजारों रुपयों का चन्दा देते हैं। यदि ऐसा नेता चन्दा देने के बजाए अपने बेटे-बेटियों का विवाह व परिचय सम्मेलन में कराएं तो ऐसे सम्मेलनों की ज्यादा सार्थकता होगी। जो लोग समाज का सुधार करने के प्रवचन देते हैं, उन्हें सुधार की शुरूआत अपने घर से करनी चाहिए। 
शिक्षा जरूरी - कलेक्टर :
अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन की अजमेर शाखा की ओर से आयोजित वैवाहिक परिचय सम्मेलन में जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने कहा कि अग्रवाल समाज में जो लोग परम्परागत तौर पर व्यवसाय कर रहे हैं, उन्हें भी उच्च शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए। अब व्यापार शहर, प्रदेश और देश तक सीमित नहीं रहा है। समाज के युवाओं को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर कारोबार के गुण सीखने चाहिए। मेरा मानना है कि हमारे समाज के युवा योग्यता में किसी से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि बेटियों को भी खूब पढ़ाया जाना चाहिए। 
सम्मेलन को सफल बनाने में गिरधारी मंगल, मुकेश डाणी, दीपचंद श्रीया, रमेश मित्तल, शैलेन्द्र अग्रवाल, अशोक गोयल, ललित डिडवानियां, नवल किशोर गोयल, रमेश चन्द्र अग्रवाल, चांदकरण अग्रवाल, एस.एन.मोदी, अविनाश गुप्ता, प्रवीण अग्रवाल आदि का सहयोग रहा। 
(एस.पी.मित्तल) (30-04-17)
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