Thursday 27 April 2017

#2510
राजस्थान में भाजपा के विस्तारक बनाने की स्कीम कैसे सफल होगी?
सीएम राजे ने ही उठाए सवाल।
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27 अप्रैल को जयपुर में केशव विद्यापीठ में भाजपा के प्रदेश भर के विस्तारकोंं का दो दिवसीय शिविर शुरू हुआ। अगले वर्ष राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने विस्तारक बनाने की स्कीम शुरू की है। भाजपा यह चाहती है कि जिस प्रकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक काम करते हैं, उसी प्रकार भाजपा में भी विस्तारक काम करें। समझ में नहीं आता कि भाजपा अपने विस्तारक की तुलना संघ के प्रचारक से कैसे कर रही है। पहला सवाल तो यह है कि आखिर भाजपा विस्तारक लाएगी कहां से ? 27 अप्रैल को जयपुर के शिविर में जिन कथित विस्तारकों ने भाग लिया, वे सब भाजपा के सत्तालोलुप नेता हैं। प्रदेश संगठन ने जिला अध्यक्षों से विस्तारक बनने वाले भाजपा नेताओं के नाम मांगे थे, जिला अध्यक्षों के सामने विस्तारकों के नाम की सूची बनाने की समस्या थी, क्योंकि कोई भी भाजपा नेता संघ के प्रचारक की तरह भाजपा का विस्तारक बनना नहीं चाहता था। जिला अध्यक्ष ने बड़ी मुश्किलों से उन नेताओं के नाम भेजें जो उम्र दराज हैं या फिर कबाडख़ाने में पड़े हैं। यही वजह रही कि 27 अप्रैल को शिविर में जब विस्तारकों के रूप में बैठे भाजपा नेताओं को सीएम वसुंधरा राजे ने देखा तो, उन्हें हंसी आ गई। उन्हें इस बात पर हंसी आई कि क्या ये भाजपाई विस्तारक की भूमिका निभा पाएंगे। इसीलिए सीएम को अपने संबोधन में कहना पड़ा के विस्तारक स्वयं को विधानसभा चुनाव का टिकट बांटने वाला नेता न समझे। विस्तारक का काम तो अपने आवंटित विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्रों पर जाकर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना है। विस्तारक स्वयं के मन में भी टिकट अथवा किसी पद की लालसा न रखे। सीएम ने यह भी कहा कि विस्तारक को पहले चरण में लगातार छह माह तक आवंटित क्षेत्र में ही रहना पड़ेगा। जयपुर में रहने वाले विस्तारक को बाड़मेर अथवा जैसलमेर का क्षेत्र दिया जा सकता है। यानी कोई विस्तारक अपने गृह जिले में नहीं रहेगा। सवाल उठता है कि आखिर भाजपा में ऐसे विस्तारक कहां से आएंगे ? मुख्यमंत्री का भाषण सुनने के बाद सम्मेलन में ही अनेक भाजपा नेताओं ने विस्तारक बनने का त्याग कर दिया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक प्रणामी और सीएम राजे माने या नहीं, लेकिन भाजपा में विस्तारक मिलना बहुत मुश्किल काम होगा। इसके लिए तो नई भर्ती करनी पड़ेगी। यानी सदस्यता के समय ही यह संकल्प करवाना होगा कि कार्यकर्ता को विस्तारक के रूप में ही काम करना होगा। 
यह रहा अजमेर का हाल :
जानकारों के अनुसार अजमेर से पूर्व सांसद रासा सिंह रावत, पूर्व मंत्री श्री किशन सोनगरा, धर्मेश जैन, सतीश बंसल, सोमरत्न आर्य, देवेंद्र सिंह शेखावत, तुलसी सोनी आदि भाजपा नेता के नाम भेजे गए थे, लेकिन शिविर में शेखावत और जैन ही नजर आए। 
एस.पी.मित्तल) (27-04-17)
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