Tuesday 25 April 2017

अवार्ड लौटाने वाली गैंग अब पहलू खान की मौत पर सक्रिय।
क्या सुकमा में 25 जवानों की शहादत पर भी मुंह खुलेगा? 
=================
25 अप्रैल को जिन लोगों ने न्यूज चैनलों को देखा, उनकी आंखें नम जरूर हुई होंगी, क्योंकि चैनलों पर दिन भर रोती बिलखती महिलाओं और छोटे बच्चों को दिखाया गया। यह उन परिवारों के दृश्य थे जिनके परिवार का एक सदस्य 24 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के जंगलों में नक्सलियों के हाथों मारा गया। आदिवासियों की आड़ में नक्सलियों ने सीआरपीएफ के 25 जवानों की हत्या कर दी। जिन घरों में जवानों के शव पहुंचे, उन घरों का हाल बेहाल रहा। देश की आंतरिक सुरक्षा की खातिर शहादत देने वालों में जवान शेर मोहम्मद भी शामिल है। सवाल उठता है कि देश में असहिष्णुता का मुद्दा उछालने वाले कितने लोग हमारे जवान की शहादत पर मुंह खोल रहे हैं? क्या सुरक्षाबलों के जवान इंसान नहीं है? लेकिन वही अवार्ड लौटाने वाली गैंग से जुड़े कुछ लोगों ने 24 अप्रैल को राजस्थान के जयपुर में विधानसभा के बाहर धरना दिया। धरने का कारण अलवर जिले के बहरोड में पहलू खां की मौत था। गैंग के सदस्यों का कहना रहा की पहलू खां को सड़क पर पीट-पीटकर मार डाला गया, लेकिन राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। यह सही है कि जिन लोगों की पिटाई की वजह से पहलू खां की मृत्यु हुई, उन्हें सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा भी है की आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है।  साथ ही कटारिया का कहना है कि पहलू खां पर गायों की तस्करी करने के तीन मुकदमे पहले से ही दर्ज हैं। पिछले दिनों भी पहलू खां को कुछ युवकों ने गौवंश की तस्करी करते हुए पकड़े। सवाल उठता है कि जितनी सक्रियता पहलू खां की मृत्यु पर दिखाई जा रही है उतनी सक्रियता हमारे 25 जवानों की शहादत पर क्यों नहीं दिखाई जाती? 24 अप्रैल को जिन लोगों ने जयपुर में धरना दिया, क्या वे छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के जंगलों में जाकर नक्सलियों के खिलाफ मुंह खोलेंगे? सब जानते हैं कि अवार्ड लौटाने वाली गैंग का क्या मकसद है। अफसोस तो यह है कि जिन लोगों ने वर्षों तक सत्ता का सुख भोगा, उन्हें अब 26 जवानों की शहादत नजर नहीं आ रही है। धरना देने बालों में पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्ला, मैग्सेसे पुरस्कार विजेता अरुणा राय, आंध्र के पूर्व सीएस मोहन कांडा, कर्नाटक के पूर्व सीएम वासुदेवन, पूर्व केंद्रीय वित्त सचिव एम.एस.सिसोदिया, पूर्व आईएएस हर्ष मंदर सहित 21 पूर्व आईएएस अधिकारी शामिल थे।

(एस.पी.मित्तल) (25-04-17)

नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in

https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal

www.facebook.com/SPMittalblog

Blog:- spmittalblogspot.in

M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)

================================

M: 07976-58-524709462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

No comments:

Post a Comment