Monday, 24 April 2017

#2494
इधर दिल्ली में मोदी महबूबा की मुलाकात, उधर कश्मीर में सुरक्षाबलों पर जमकर पत्थरबाजी। कैसे सुधरेंगे हालात ?
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 24 अप्रैल को दिल्ली में जब जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, तभी कश्मीर के श्रीनगर में स्कूल-कॉलेजों के छात्रों ने सुरक्षाबलों पर जमकर पत्थर फेंके। 24 अप्रैल को एक सप्ताह बाद घाटी में स्कूल-कॉलेज खुले थे, लेकिन छात्रों ने पढ़ाई करने के बजाय सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंकने का काम किया है। यानी इन युवाओं ने साफ  कर दिया कि अब वे पढ़ाई करने के बजाय सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंकने का ही काम करेंगे। यदि इन युवाओं में पढ़ाई का जज्बा होता तो वे एक सप्ताह बाद खुले स्कूल-कॉलेजों में जाकर पढ़ाई करते। इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि जब दिल्ली में सीएम महबूबा प्रदेश के हालात सुधारने के लिए पीएम मोदी से मिल रही थीं, तभी श्रीनगर में पत्थर फेंके जा रहे थे। पीएम से मुलाकात के बाद महबूबा ने कहा गुमराह युवक पत्थरबाजी कर रहे हैं। महबूबा का कहना रहा कि बातचीत और पत्थरबाजी साथ-साथ नहीं हो सकती। इस मुलाकात के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि फिलहाल जम्मू कश्मीर में भाजपा की मदद से महबूबा की सरकार चलती रहेगी। प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की अटकलें भी खत्म हो गई हैं। पीएम मोदी ने भी इस बात के संकेत दिए हैं कि महबूबा के माध्यम से ही कश्मीर के हालात सुधारे जाएंगे। 
कैसे सुधरेंगे हालात: 
अब भले ही कश्मीर में महबूबा की सरकार बनी रहेगी, लेकिन सवाल उठता है कि आखिर घाटी के हालात कैसे सुधरेंगे। केंद्र सरकार की पूरी मदद के बाद महबूबा गत 2 वर्षों से हालात सुधारने का काम ही कर रही हैं। कई मौकों पर महबूबा ने अलगाववादियों के खिलाफ सख्त प्रतिक्रिया भी दी है। लेकिन  घाटी के हालात बद से बदतर ही हुए हैं। असल में घाटी से चार लाख हिंदुओं को पीट-पीट कर भगा दिए जाने के बाद अब अलगाववादियों ने अपनी ताकत के बल पर कब्जा कर लिया है। अब वही होता है जो अलगाववादी चाहते हैं। सरकार ने भले ही अलगाववादियों के नेताओं पर अनेक पाबंदी लगा रखी हों, लेकिन फिर भी अलगाववादियों का प्रभावी असर है। अलगाववादी चाहते हैं कि भारत कश्मीर घाटी को आजाद मुल्क घोषित कर दे। अब देखना है अलगाववादियों की ताजा चुनौतियों से मोदी और महबूबा की सरकार कैसे निपटती है।
पीडीपी के जिला अध्यक्ष की हत्या:
पीएम मोदी ने भले ही सीएम महबूबा को हालात सुधारने का एक और अवसर दिया हो, लेकिन 24 अप्रैल को ही आतंकवादियों ने पुलवामा के पीडीपी के जिला अध्यक्ष अब्दुल गनी की गोली मार कर हत्या कर दी। यानि अब महबूबा की पार्टी पीडीपी के नेता भी घाटी में सुरक्षित नहीं है। 
(एस.पी.मित्तल) (24-04-17)
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