Wednesday 1 July 2015

वसुंधरा जी बिजली बचाने के नाम पर क्यों लूटा जा रहा है। राजस्थान वासियों को, अब प्राइवेट कम्पनी की एलईडी बेचेगा विद्युत निगम।


(spmittal.blogspot.in)

यह माना कि इन दिनों राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे अपने ही जंजालों में उलझी हुई है इसलिए बेईंमान और चोर निजी कम्पनियां राजस्थान में लूट-खसोट करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों के अजमेर संस्करण में एक जुलाई को एक विज्ञापन प्रकाशित हुआ है। इस विज्ञापन में कहा गया है कि घरेलू उपभोक्ता विद्युत निगम से 7 वॉट की एलईडी लाइट 120 रुपए नकद देकर प्राप्त कर सकता है और जो उपभोक्ता एक साथ 120 रुपए नहीं दे सकता वह शुरूआती 10 रुपए देकर शेष 115 रुपए 12 किस्तों में जमा करा सकता है। यह किश्ते बिजली के बिल में जुड़कर आ जाएगी। यानि अब विद्युत निगम एक प्राइवेट कम्पनी के बल्ब बेचने का काम भी करेगा। निगम जिस कम्पनी के बल्ब बेचेगा उसका नाम है एनर्जी इंफिसिएस सर्विसेज लिमिटेड। यह कम्पनी किसी प्रभावशाली व्यक्ति की बताई जा रही है। इसमें सरकार की भी थोड़ी भागीदारी है। कम्पनी का दावा है कि एलईडी लाइट घरों में लगने से बिजली की बचत होगी। यह कम्पनी राजस्थान के प्रमुख 17 शहरों में इसी तरह विद्युत निगम के माध्यम से एलईडी बल्ब बेचने का काम करेगी। यह वही कम्पनी है जिसे प्रदेश के 17 शहरों में स्ट्रीट लाइट का ठेका भी मिला है। यह कम्पनी सोडियम लाइट हटाकर एलईडी लाइट लगाएगी। एलईडी लाइट लगने से जो बिजली की बचत होगी उसका 50 प्रतिशत का मुनाफा कम्पनी को मिलेगा। इसके अतिरिक्त संबंधित शहर की स्ट्रीट लाइट के रखरखाव का काम भी यही कम्पनी करेगी। इस कम्पनी को लेकर अजमेर में पहले ही आरोप लगे है। अजमेर में पहले से ही सीएफएल लाइटे लगी हुई है, लेकिन स्वायत्त शासन विभाग के बेइमान अधिकारियों ने यह मान लिया कि अजमेर में भी सोडियम लाइटे लगी है। यानि अधिकारियों ने कम्पनी को भारी लाभ पहुंचाया है। जबकि जानकारों का मानना है कि सीएफएल और एलईडी लाइटों में बिजली की खपत बराबर ही होती है। जो फार्मूला प्रदेशभर में अपनाया गया वह अजमेर में किसी भी प्रकार से लागू नहीं होता है। अकेले अजमेर में स्ट्रीट लाइटों की रखरखाव के लिए कम्पनी को प्रतिमाह 8 लाख रुपए दिए जाएंगे।
एलईडी लाइट लगने से कितनी बिजली की खपत कम होती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन अजमेर में विद्युत निगम ने कम्पनी की एलईडी लाइट बेचने का काम शुरू कर दिया है। सीएम वसुंधरा राजे के शासन में यह कोई पूछने वाला नहीं है कि एक प्राइवेट कम्पनी का व्यवसाय सरकार का विद्युत निगम कैसे कर रहा है। शर्मनाक बात तो यह है कि कम्पनी की उधारी भी विद्युत निगम ही वसूलेगा।
विद्युत वितरण का ठेका भी मिल सकता है इसी कम्पनी को :
राज्य सरकार अजमेर, जयपुर, उदयपुर आदि शहरों के विद्युत वितरण का कार्य भी प्राइवेट कम्पनी को देने जा रही है। माना जा रहा है कि जिस कम्पनी को स्ट्रीट लाइट का ठेका दिया गया है उसी कम्पनी को विद्युत वितरण का काम भी दे दिया जाए।
नहीं आए देवनानी :
एलईडी लाइट के वितरण को लेकर एक जुलाई को अजमेर में एक समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन कम्पनी के इस समारोह में देवनानी शामिल नहीं हुए। अलबत्ता शहर की दूसरी मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।
(एस.पी. मित्तल) M-09829071511

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