Friday 10 July 2015

पत्नी प्रधान बनी तो पति बन गए समाजसेवी। जन्म दिन पर ग्राम पंचायतों ने जारी किए विज्ञापन


(spmittal.blogspot.in)

अजमेर जिले की जवाजा पंचायत समिति की भाजपाई प्रधान श्रीमती गायत्री रातव का जन्म दिन 10 जुलाई को उत्साह और उमंग के साथ बनाया गया। पंचायत समिति में आने वाली अनेक ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने अपनी प्रधान के जन्म दिन पर अखबारों में ग्राम पंचायत के बधाई वाले विज्ञापन भी छपवाए। मजे की बात यह है कि इन विज्ञापनों में प्रधान श्रीमती रावत के पति नरेन्द्र सिंह रावत को समाजसेवी बताया गया, ग्राम पंचायतों की ओर से जारी विज्ञापनों में प्रधान श्रीमती रावत का फुल साइज का फोटो तथा ब्यावर के भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत का हाफ साइज का फोटो प्रकाशित किया गया। इन विज्ञापनों  में ग्राम सेवकों की भी मौज हो गई, क्योंकि सरपंच के साथ-साथ ग्राम सेवक का फोटो भी प्रकाशित हुआ है। चूंकि इन विज्ञापनों का भुगतान ग्राम सेवक के माध्यम से ही होगा। इसलिए सरपंचों ने अपने साथ ग्राम सेवक का फोटो भी लगवाया है। जिन ग्राम पंचायतों के ग्राम सेवकों ने अपना फोटो छपवाने से इंकार कर दिया तो, वहां सरपंच के रिश्तेदार अथवा किसी ठेकेदार का फोटो लगा दिया गया। देवाता की सरपंच इंद्रादेवी ने अपने भतीजे भरत सिंह चौहान का ही फोटो छपवाया। इसी प्रकार ब्यावर खास के सरपंच ने ठेकेदार धर्म सिंह और मदन सिंह का फोटो लगवाया है। मालपुरा के सरपंच जसवंत सिंह ने तो खुद का ही फोटो लगवाया। जबकि सरमालिाय के सरपंच रमेश जाट ने ग्राम सेवक अरुण कुमार, कोटड़ा की सरपंच गीता देवी ने संजय भाटी, तारागढ़ के सरपंच प्रेम सिंह ने मुकुट माथुर, सूरजपुरा की सरपंच राधादेवी ने ग्राम सेवक मुकुट माथुर के फोटो लगवाए है। ग्राम पंचायत जवाजा की सरपंच विजयलक्ष्मी बंशीवाल ने भी स्वयं का ही फोटो लगवाया है।
आरटीओ एजेंट है प्रधान पति
पत्नी के प्रधान बनने के बाद नरेन्द्र सिंह रावत भले ही सामाजिक कार्यकर्ता बन गए हो, लेकिन आज भी उनकी पहचान आरटीओ एजेंट के रूप में ही है। ब्यावर के जिला यातायात अधिकारी कार्यलय के बाहर बैठकर रावत लोगों के लाइसेंस बनवाने का काम करते रहे हैं। इसके साथ ही रावत जमीनों का कारोबार भी करते हैं। क्षेत्रीय भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत से मित्रता के चलते गत चुनावों में रावत ने अपनी पत्नी गायत्री रावत को भाजपा का टिकिट दिलवा दिया।
विज्ञापनों पर है रोक
जवाजा की प्रधान श्रीमती गायत्री रावत के जन्म दिन पर भले ही ग्राम पंचायतों ने विज्ञापन जारी कर दिए हो, लेकिन ऐसे विज्ञापनों पर सरकार की रोक लगी हुई है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश दिया है कि कोई भी सरकारी संस्थान जनप्रतिनिधियों के फोटो विज्ञापन में नहीं छपवा सकता। इसके लिए सिर्फ पीएम और राज्य के सीएम के फोटो की छूट दी गई है। यह नियम ग्राम पंचायतों पर भी लागू होता है।
नहीं होगा भुगतान
जवाजा पंचायत समिति के कार्यवाहक बीडीओ विजय सिंह जैन ने स्पष्ट कहा है कि प्रधान श्रीमती रावत के जन्मदिन पर जिन ग्राम पंचायतों ने विज्ञापन दिया है, उसका भुगतान ग्राम पंचायत के कोष से नहीं होगा। इस संबंध में संबंधित ग्राम सेवकों के निर्देश दे दिए गए हैं। यदि किसी ग्राम सेवक ने सरपंच के दबाव से भुगतान किया तो उसके वेतन में से वसूली की जाएगी। उन्होंने कहा कि नियमानुसार ग्राम सेवक का फोटो भी विज्ञापन में नहंी छपना चाहिए। इस संबंध में नियमों की जानकारी ली जा रही है,यदि ग्राम सेवकों ने नियम विरुद्ध फोटो छपवाया है तो उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जाएगी।
नहीं बोल पाए भंवर सिंह पलाड़ा
9 जुलाई को ब्यावर सदर पुलिस स्टेशन के नए भवन का लोकार्पण समारोह ब्यावर में आयोजित किया गया। इस पुलिस स्टेशन के अंतर्गत मसूदा विधानसभा क्षेत्र के अनेक गांव आते हैं, इसलिए समारोह में मसूदा की विधायक श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा को भी आमंत्रित किया गया। लेकिन श्रीमती पलाड़ा के स्थान पर उनके पति भंवर सिंह पलाड़ा आए। समारोह में ब्यावर के विधायक शंकर ङ्क्षसह रावत को तो बोलने का अवसर दिया गया, लेकिन पलाड़ा को नहीं। कायदे से समारोह में आयोजकों को पलाड़ा को भी बोलने का अवसर दिया जाना चाहिए था, क्योंकि वे भी गृहमंत्री कटारिया के सामने मसूदा क्षेत्र की समस्याओं को रखते। पलाड़ा को नहीं बोलने देने पर उनके समर्थकों ने नाराजगी जताई है।
(एस.पी. मित्तल) M-09829071511

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