Friday 31 July 2015

आभार और धन्यवाद


(spmittal.blogspot.in)

30 जुलाई को मैंने जो ब्लॉग पोस्ट किया, उसका शीर्षक 'क्या कलाम के शव से खास हो गया आतंकी याकूब का शवÓ यह पोस्ट अभी भी मेरे ब्लॉग (spmittal.blogspot.in)
पर प्रदर्शित हैं। मेरेी इस पोस्ट को सोशल मीडिया में जबर्दस्त समर्थन मिला। मेरे लेखन पर भी सकारात्मक टिप्पणी की गई। मैं वाट्सएप पर कोई 150 ग्रुपस से जुड़ा हुआ हंू और सभी ग्रुपस में लेखन को देशहित में बताया गया। ब्लॉग से लेकर फेसबुक पर भी अनेक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई। मेरे ब्लॉग को कोई 12 हजार से भी ज्यादा लोग फॉलो कर रहे हैं तथा फेसबुक पर करीब तीन हजार फ्रेंड्स हैं। जिन 150 ग्रुपस में जुड़ा हंू, उनके अनेक सदस्य मेरी पोस्ट को अन्य ग्रुपस में फारवर्ड करते हैं। जिन लोगों ने मेरे लेखन को देशहित में बताया है? उन सबका मैं आभारी हंू। जिन मित्रों को मैं जवाब नहीं दे सका, उनसे क्षमा प्रार्थी हंू। मैं कोशिश तो करता हंू कि सभी मित्रों को जवाब दंू, लेकिन कई बार समय का अभाव होने की वजह से संभव नहीं हो पाता, लेकिन यह सही है कि मित्रों की हर टिप्पणी मेरी हौंसला अफजाई करती हैं। मुझे बेसब्री से टिप्पणियों का इंतजार रहता है। आज मैं सोशल मीडिया पर जो कुछ भी लिख पा रहा हंू, उसके पीछे मित्रों की ताकत ही है। यह हौंसला बना रहे, इसलिए आप मुझे अपनी भावनाओं से अवगत कराते रहे।
एक निवेदन यह भी
मुझे पता है कि मेरी लिखी पोस्ट को दूसरे ग्रुपस में पोस्ट किया जाता है। ऐसे मित्रों से विनम्र आग्रह है कि पोस्ट के नीचे से नाम डिलीट नहीं करें। मूल लेखक का नाम तो जाना ही चाहिए।
(एस.पी. मित्तल)M-09829071511

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