Saturday 11 July 2015

क्या वाइस चान्सलर कर सकते हैं एबीवीपी के सदस्यता अभियान का शुभारंभ


(spmittal.blogspot.in)

एमडीएस यूनिवर्सिटी के वाइस चान्सलर के.सी. सोढानी यूं तो एक अच्छे शिक्षाविद् माने जाते हैं, लेकिन 10 जुलाई को प्रो. सोढानी उस समय विवाद में आ गए, जब उन्होंने भाजपा से जुड़े छात्र संगठन एबीवीपी के सदस्यता अभियान का शुभारंभ किया। अजमेर में प्राइवेट कॉलेज आर्यभट्ट के परिसर में आयोजित सदस्यता शुभारंभ अभियान के समारोह में छात्र नेताओं के साथ-साथ मंच पर प्रो. सोढानी भी उपस्थित रहे। सोढानी ने न केवल एक विद्यार्थी को एबीवीपी की सदस्यता प्रदान की, बल्कि सदस्यता अभियान की सफलता को लेकर अपनी शुभकामनाएं भी दी। सवाल उठता है कि क्या किसी यूनिवर्सिटी के वीसी को एक राजनैतिक दल की विचारधारा वाले छात्र संगठन के सदस्यता अभियान का शुभारंभ करना चाहिए? इस संबंध में एबीवीपी का कहना है कि उनका संगठन गैर राजनीतिक है और इस संगठन का भाजपा से कोई सरोकार नहीं है। एबीवीपी के जो विद्यार्थी सदस्य बनेंगे वे भाजपा के सदस्य नहीं होंगे। एबीवीपी भले ही इस तरह का दावा करे, लेकिन सब जानते है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ परिवार का भाजपा जिस तरह सदस्य है उसी तरह एबीवीपी भी है। यदि एबीवीपी का संबंध भाजपा से नहीं होता तो क्या वीसी सोढानी सदस्यता अभियान के शुभारंभ समारोह में आते? यह बात लिखने में कोई हर्ज नहीं है कि प्रो. सोढानी भी सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं की मेहरबानी से ही वीसी के पद पर बैठे हुए हैं। यह माना कि प्रो. सोढानी की नियुक्ति के बाद यूनिवर्सिटी न केवल सक्रिय हुई बल्कि शैक्षिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिला है। हाल ही में संपन्न हुई परीक्षाओं में भी प्रो.सोढानी ने अपनी कुशलता का परिचय दिया। अच्छा होता कि सोढानी एबीवीपी के सदस्यता अभियान से बचते। अब यदि कांग्रेस विचारधारा वाले एनएसयूआई के छात्रों ने अपने सदस्यता अभियान के लिए बुलाया तो क्या प्रो. सोढानी इंकार कर देंगे? और यदि एनएसयूआई के समारोह में जाते है तो क्या एबीवीपी वाले पचा पाएंगे।
(एस.पी. मित्तल)M-09829071511

No comments:

Post a Comment