Friday 3 July 2015

जितनी चिंता हेमा मालिनी के प्रति दिखाई, उससे आधी भी क्या अपनी माताजी-बहिन के प्रति दिखाई है?


(spmittal.blogspot.in)

भाजपा की सांसद और अपने जमाने की सुपर स्टार रहीं हेमा मालिनी 2 जुलाई को जयपुर के निकट एक सड़क दुर्घटना में जख्मी हो गई। हालांकि इस दुर्घटना में दूसरी कार में सवार एक बच्ची की मौत भी हुई, लेकिन सोशल मीडिया पर हेमा मालिनी के प्रति चिंता प्रकट करने वालों की बाढ़ सी आ गई। वाट्सएप पर शायद ही ऐसा कोई ग्रुप बचा होगा, जिसमें हेमा के जख्मी वाले फोटो न आए हों। ग्रुप में पहले से ही फोटो होने के बाद भी दूसरे सदस्यों ने फोटो पोस्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जितनी चिंता धर्मेन्द्र ने नहीं दिखाई, उससे कहीं ज्यादा सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों ने दिखाई। माना कि हेमा मालिनी एक सुपर स्टार रहीं हैं, लेकिन सवाल उठता है कि क्या कभी इतनी चिंता अपनी माताजी-बहिन के प्रति भी दिखाई है? (यह सवाल सब पर नहीं उठता, क्योंकि कुछ लोग तो अपनी मां को देवी ही मानते हैं) परिवार के सदस्यों को पता है कि जब मां-बहिन बीमार भी होती है तो हेमा मालिनी के प्रति चिंता प्रकट करने वाले पुरुषों को कितनी आफत नजर आती है। कई घरों में वृद्ध मां अपने बेटे की शक्ल देखने के लिए तरस जाती है। कुछ संवदेनशील बेटे यदि मां को डॉक्टर के पास ले भी जाते हैं, तो अहसान के साथ। समझ में नहंी आता कि हेमा मालिनी के चोट लगने पर इतनी चिंता क्यों प्रकट की जा रही है, जबकि हेम मालिनी तो हर काम के पैसे लेती हैं। क्या कभी किसी प्रशंसक को हेमा मालिनी ने अपनी फिल्म फ्री में दिखाई? क्या सामाजिक सरोकारों से जुड़े किसी विज्ञापन को फ्री में किया? हेमा मालिनी यूपी के मथुरा से भाजपा की सांसद हैं। आज मथुरा के मतदाता हेमा मालिनी को ऐसे ही ढूंढ रहे हैं, जैसे कभी बीकानेर के मतदाता उनके देवता पति धर्मेन्द्र को ढूंढते थे। बीकानेर से सांसद बनने के बाद धर्मेन्द्र पांच वर्ष में पांच बार भी बीकानेर नहीं आए। अब सवा वर्ष की अवधि में हेमा मालिनी कितनी बार मथुरा गई हैं, इसकी जानकारी मथुरा के मतदाता ही दे सकते हैं। उम्मीद है मथुरा और बीकानेर के मतदाता इस पर जरूर कोई टिप्पणी करेंगे। हेमा मालिनी की देखभाल करने वाले तो हजारों लोग मिल जाएंगे, लेकिन अपने परिवार के वृद्धजनों की देखभाल तो हमें ही करनी पड़ेगी। सोशल मीडिया पर जितने भी लोगों ने हेमा के प्रति चिंता प्रकट की, उनसे मेरा विनम्र आग्रह है कि एक बार अपनी माताजी-बहिन को भी संभाल लें। यदि आधे लोग भी संभाल लेंगे तो यह समाज सुंदर लगने लगेगा। हेमा मालिनी के प्रति चिंता जताने वालों को धर्मेन्द्र की पहली पत्नी की भी चिंता करनी चाहिए, जो हेमा-धर्मेन्द्र की खुशी की खातिर गुमनामी की जिंदगी जी रही हैं। मैंने यदि हेमा के किसी प्रशंसक की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है तो एडवांस में माफी चाहता हंू।
टक्कर खाने वाला परिवार है गरीब
हेमा मालिनी की मर्सिडीज कार से जिस परिवार की टक्कर हुई है, वह बेहद ही गरीब है। परिवार से जुड़े अजेमर के भाजपा पार्षद विजय खंडेलवाल ने बताया कि उनका साला हनुमान खंडेलवाल 2 जुलाई की रात को जयपुर से अपने घर लालसोट अल्टोकार से जा रहा था कि तभी जयपुर-आगरा हाइवे के तिहारे पर हेमा मालिनी की मर्सिडीज कार ने टक्कर मार दी। इसमें हनुमान की डेढ़ वर्ष की पुत्री की तो मौके पर ही मौत हो गई, जबकि खुद हनुमान, उसकी पत्नी तथा दो अन्य सदस्य जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती हैं। हनुमान की पत्नी की हालत गंभीर है। हेमा मालिनी तो चार्टर प्लेन से मुम्बई जा रही हैं, जबकि हनुमान का परिवार सरकारी अस्पताल में इलाज को मोहताज है। हनुमान लालसोट में साइकिल मरम्मत की दुकान चलाता है। उसकी स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वह जख्मी सदस्यों का अच्छा इलाज करवा सके।
(एस.पी. मित्तल) M-09829071511

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