Tuesday 21 July 2015

पुलिस अफसरों की शह से शराब ठेकेदार एसपी के खिलाफ लामबंद


(spmittal.blogspot.in)

अजमेर पुलिस के कुछ घाघ अफसरों की शहर से जिले भर के ठेकेदार एसपी विकास कुमार के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। यही वजह रही कि 21 जुलाई को जिले भर के देशी विदेशी शराब की दुकान के ठेकेदारों ने अपनी दुकाने बंद रखकर जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया। ठेकेदारों ने चेतावनी दी कि यदि एसपी ने अपनी कार्यवाही को बंद नहीं किया तो लाइसेंस सरेण्डर कर दिए जाएंगे। इससे पहले प्रदेश के आबकारी आयुक्त ओ.पी. यादव भी एसपी को एक कड़ा पत्र लिख चुके हैं। माना जा रहा है कि 21 जुलाई को शराब ठेकेदार जिस तरह एसपी के खिलाफ लामबंद हुए, उसके पीछे आबकारी विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस के ही घाघ अधिकारियों की शह रही हैं। असल में, एसपी ने रात्रि 8 बजे बाद दुकानों के पीछे के दरवाजे से शराब की अवैध बिक्री को सख्ती के साथ रोका है। इससे रात्रि के समय होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर भी अंकुश लगा है। एसपी की इस कार्यवाही की जिले भर में प्रशंसा हो रही है, लेकिन यह कार्यवाही पुलिस के घाघ अफसरों को पसंद नहीं आ रही हैं, क्योंकि रात्रि के 8 बजे बाद गैर कानूनी तरीके से शराब की बिक्री होने पर ही ऐसे अफसरों की कमाई होती थी। इसी प्रकार आबकारी विभाग के इंस्पेक्टरों और अधिकारियों की कमाई भी बंद हो गई। ठेकेदारों का यह आरोप सरासर झूठा है कि पुलिस निर्धारित समय प्रात: 10 से रात्रि 8 बजे के बीच धर-पकड़ की कार्यवाही कर रही हैं। एसपी ने जो भी कार्यवाही करवाई है, वह रात्रि के 8 बजे बाद की है। असल में 8 बजे बाद ही शराब ठेकेदार बिक्री कर चांदी कूट रहे हैं। दिन में शराब की जो बोतल 200 रुपए में मिलती है, उसे रात 8 बजे बाद ब्लैक में 300 से लेकर 400 रुपए तक में बेचा जा रहा था। कई ठेकेदार तो दिन में भी मनमानी कीमत वसूल रहे हैं। भले ही शराब ठेकेदार लामबंद हो गए हो लेकिन जिले भर के लोगों का समर्थन एसपी विकास कुमार के साथ है। यही वजह है कि एसपी पर आबकारी आयुक्त यादव के पत्र का कोई असर नहीं हुआ है। इसके लिए एसपी को शाबासी दी जानी चाहिए। जब सरकार स्वयं मानती है कि शराब सामाजिक बुराई है तो फिर ऐसी बुराई पर अंकुश लगना ही चाहिए। एसपी को यह भी चाहिए कि पुलिस के जिन अधिकारियों की शह से ठेकेदार लामबंद हुए हैं, उन अधिकारियों का स्थानान्तरण अजमेर से जल्द से जल्द करवाया जाए।
(एस.पी. मित्तल)M-09829071511

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