Sunday 6 December 2020

8 दिसम्बर को राजस्थान के 21 जिलों में पंचायतीराज चुनाव की मत गणना होगी। वहीं किसानों के समर्थन में कांग्रेस बंद भी करवाएगी।क्या बंद के दौरान कोविड-19 के नियमों का पालन हो सकेगा? सरकार बनाएगी बंद की रणनीति।

देश की राजधानी दिल्ली के बाहर कृषि क़ानूनों के विरोध में पिछले 11 दिनों से किसानों का जो आंदोलन चल रहा है, उसे 6 दिसम्बर को कांग्रेस ने अपना समर्थन दे दिया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि किसानों में 8 दिसम्बर को भारत बंद का जो आह्वान किया है, उसे भी कांग्रेस के कार्यकर्ता सफल बनाएगे। यानि राजस्थान में भी कांग्रेस के कार्यकर्ता 8 दिसम्बर को बंद करवाएंगे। चूंकि राजस्थान में किसानों का कोई बड़ा आंदोलन नहीं चल रहा है, इसलिए भारत बंद के तहत राजस्थान बंद में कांग्रेस के कार्यकर्ता ही सक्रिय भूमिका निभाएंगे। राजस्थान में 8 दिसम्बर का बंद इसलिए मायने रखता है कि प्रदेश के 21 जिलों में पंचायतीराज चुनाव की मत गणना होगी। 21 जिलों में जिला परिषद के 636 वार्डों तथा पंचायत समितियों के चार हजार 371 वार्डों में सदस्यों का चयन होगा। अंदाजा लगाया जा सकता है कि 21 जिलों में 8 दिसम्बर को राजनीतिक माहौल कैसा होगा। प्रदेश के जिन जिलों में पंचायतीराज चुनाव की मत गणना होगी, उनमें अजमेर, चूरू, नागौर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, पाली, बाड़मेर, हनुमानगढ़, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा, जैसलमेर, राजसमंद, बीकानेर, जालौर, सीकर, बूंदी, झालावाड़, टोंक, चित्तौड़, झुंझुनूं और उदयपुर हैं। लेकिन अब कांग्रेस ने भारत बंद को भी समर्थन देने की घोषणा कर दी है। मत गणना शोर के बीच प्रशासनिक तंत्र को सत्तारुढ़ कांग्रेस के बंद से भी निपटना पड़ेगा। सवाल यह भी है कि जब कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए सरकार ने राजस्थान में धरना प्रदर्शन पर रोक लगा रखी है, तब कांग्रेस के कार्यकर्ता बंद कैसे करवाएंगे। क्या बंद के दौरान एकत्रित हुए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच कोविड-19 के नियमों का पालन करवाया जा सकेगा? सरकार ने एक दिन पहले ही आदेश निकाल कर शादी समारोह में 100 से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर समारोह स्थल संचालक को जिम्मेदार माना है। यानि सौ से अधिक मेहमान आए तो समारोह स्थल सीज कर दिया जाएगा। सरकार एक ओर कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए शादी ब्याह पर पाबंदियाँ लगा रही है, तो दूसरी ओर कांग्रेस के कार्यकर्ता 8 दिसम्बर के भारत बंद को सफल बनाने में जुट गए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्थान बंद को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा रणनीति बना रहे हैं। चूंकि राजस्थान में मौजूदा समय में प्रदेश कार्यकारिणी से लेकर ब्लॉक कार्यकारिणी तक भंड पड़ी है, इसलिए बंद की निगरानी सीएम गहलोत स्वयं करेंगे। सीएम गहलोत किसान आंदोलन को पहले ही समर्थन दे चुके हैं। केन्द्र के कृषि कानूनों के विरोध में राजस्थान विधानसभा में भी संशोधन किए गए हैं। केन्द्रीय कानूनों को राजस्थान में लागू करने से पहले ही इंकार कर दिया गया है।  
S.P.MITTAL BLOGGER (06-12-2020)
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