25 दिसम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के कोई 8 करोड़ किसानों से वीडियो कॉन्फ़्रेंस के जरिए संवाद किया। कई राज्यों के किसानों ने प्रधानमंत्री को नए कृषि कानूनों से हो रहे लाभों के बारे में बताया। दिल्ली की सीमाओं पर पिछले एक माह से बैठे कुछ किसानों एवं राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को अब नए कानूनों से मिल रहे लाभों को भी समझना चाहिए। किसानों की इस सच्चाई से उन सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे जो दिल्ली की सीमाओं पर बैठे कुछ लोगों द्वारा बार बार उठाए जा रहे हैं। आम लोगों को भी नए कृषि कानून की हकीक़त को समझना चाहिए। 25 दिसम्बर को उत्तर प्रदेश के महाराज गंज के प्रगतिशील किसान राम गुलाब ने पीएम मोदी को बताया कि नए कानूनों के अंतर्गत 300 किसानों का एक समूह बनाया गया है। हमारे समूह ने अहमदाबाद की एक कंपनी से शकरकंद की बिक्री का अनुबंध किया है। जिस शकरकंद को हम पहले 10 रुपए किलो में बेचते थे, अब उसी को 25 रुपए किलो में बेचने का एग्रीमेंट किया है। सबसे खास बात यह है कि कंपनी हमारे खेत से ही शकरकंद की डिलीवरी ले लेगी। इसी प्रकार मध्यप्रदेश के किसान मनोज पाटीदार ने पीएम मोदी को बताया कि सोयाबीन को बेचने के लिए आईटीसी से अनुबंध किया है, अब उसे फसल की लागत का कई गुना मूल्य मिल रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की प्रतिवर्ष 6 हजार रुपए की राशि भी सीधे बैंक खाते में आ रही है। अरुणाचल के किसान ने बताया कि 400 किसानों का समूह बनाया गया है। अब संयुक्त रूप से जिंजर की ऑर्गेनिक खेती की जा रही है। हमारे समूह ने बड़ी कंपनियों से जिंजर की फसल का एग्रीमेंट किया है। यह कार्य हम पिछले कई माह से कर रहे हैं। लेकिन कभी भी जमीन हड़पने की बात सामने नहीं आई है। हरियाणा के किसान हरि सिंह विश्नोई ने बताया कि चार भाइयों के संयुक्त परिवार की 40 एकड़ भूमि है। पहले संपूर्ण भूमि पर अनाज की खेती की जाती थी, लेकिन नए कृषि कानून के अंतर्गत 10 एकड़ भूमि पर नींबू और अमरुद की खेती की जा रही है। इससे संयुक्त परिवार का मुनाफ़ा बड़ गया है। उड़ीसा के किसान नवीन ने बताया कि उसके पास एक एकड़ 40 बिस्वा जमीन है। उसने किसान क्रेडिट कार्ड पर बैंक से 4 प्रतिशत की दर पर 27 हजार रुपए का लोन लिया और आज वह सफलता पूर्वक खेती का काम कर रहा है। महाराष्ट्र के किसान गणेश ने बताया कि खेती पशु पालन का कार्य करता है। उसने अपनी फसल का बीमा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना करवाया। पिछले दिनों जब अतिवृष्टि में फसल खराब हो गई तो बीमा कंपनी ने मुआवज़े के रूप में 54 हजार रुपए की राशि दी। जबकि उसने मात्र ढाई हजार रुपए का प्रीमियम दिया था। तमिलनाडु के किसान सुब्रमणि ने बताया कि 3 एकड़ जमीन के लिए जो पानी मिलता था, उससे एक एकड़ भूमि ही सींचित होती थी, लेकिन अब उसने ड्रिप एरीगेशन तकनीक को अपनाया है और अब उसी पानी में 3 एकड़ भूमि पर खेती हो रही है। सभी किसानों की बात सुनने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि नए कृषि कानूनों को लेकर विपक्षी दल जो भ्रम फैला रहे हैं, वह अब दूर हो जाना चाहिए। 2014 के बाद केन्द्र में एनडीए की सरकार बनने के बाद से ही किसानों की उन्नति के काम किए जा रहे हैं। आज भी 9 करोड़ 4 लाख किसानों के खाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की सातवीं किस्त के 18 हजार करोड़ रुपए सीधे किसानों के खाते में जमा करवाए गए हैं। देश भर के इन किसानों की हकीक़त सुनने के बाद अब पंजाब के किसानों के मन में कोई भ्रम नहीं रहना चाहिए।
S.P.MITTAL BLOGGER (25-12-2020)
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