Saturday 26 December 2020

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बताएं कि अनुच्छेद 370 समाप्त करने, अयोध्या में भगवान राम मंदिर बनवाने, तीन तलाक जैसी कुप्रथा को रोकने जैसे निर्णय क्या देश का बैंड बजाने वाले हैं?12 जुलाई से 13 अगस्त 2020 तक दिल्ली में सचिन पायलट कांग्रेस के 18 विधायकों के साथ किसका बैंड बजा रहे थे?

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बताएं कि अनुच्छेद 370 समाप्त करने, अयोध्या में भगवान राम मंदिर बनवाने, तीन तलाक जैसी कुप्रथा को रोकने जैसे निर्णय क्या देश का बैंड बजाने वाले हैं?

12 जुलाई से 13 अगस्त 2020 तक दिल्ली में सचिन पायलट कांग्रेस के 18 विधायकों के साथ किसका बैंड बजा रहे थे?
राजस्थान में कांग्रेस सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर 25 दिसम्बर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक प्रेस कांफ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ़्रेंस में गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार ने कोरोना काल में लोगों से थालियां और तालियां बजवाई। यदि ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का बैंड बजवा देंगे। देश का बैंड किस अर्थ में बजेगा यह सीएम पद पर बैठे अशोक गहलोत ही जानते हैं, लेकिन उनके ताजा बयान पर सवाल उठता है कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त करने, अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनवाने तीन तलाक जैसी कुप्रथा को रोकने जैसे केन्द्र सरकार के निर्णय देश का बैंड बजवाने जैसे हैं? अनुच्छेद 370 के प्रभावी रहने से जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पनमा। कश्मीर के हालात पूरे देश के सामने थे। अब 370 हटने के बाद पाकिस्तान को भी आतंक फैलाने का अवसर नहीं मिल रहा है। सभी 20 जिलों में जिला विकास परिषद के चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हो गए। करोड़ों देशवासी चाहते थे कि अयोध्या में जन्मस्थल पर भगवान राम का भव्य मंदिर बने। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने मंदिर निर्माण की सभी बाधाओं को हटवाया और अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण हो रहा है। तीन तलाक की कुप्रथा से मुस्लिम समाज की महिलाएं कितनी परेशान थी, इसका अंदाजा अब अदालतों में दायर याचिकाओं से लगाया जा सकता है। कुप्रथा के विरोध में कानून बनाने से ही मुस्लिम महिलाओं को राहत मिली। करोड़ों महिलाओं को रसोई गैस के कनेक्शन ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालाय निर्माण, फसल बीमा जैसे अनेक कार्य हैं जो देश में क्रांतिकारी तरीके से हुए हैं। आज सरकार की विभिन्न योजनाओं की राशि सीधे पात्र व्यक्ति के बैंक अकाउंट में पहुंच रही है, जबकि कांग्रेस के शासन में तो एक रुपए में से 15 पैसे ही पहुंचते थे। यह माना कि सीएम गहलोत और नरेन्द्र मोदी के बीच राजनीतिक प्रतिद्वदीता है, लेकिन फिर भी मुख्यमंत्री  के पद पर बैठे व्यक्ति को शब्दों का चयन सोच समझ कर करना चाहिए। भारत के विभिन्न प्रांतों में बैंड बजाने के अलग अलग अर्थ हैं। अब जब बैंड बजाने के शब्द का इस्तेमाल कर ही दिया है तो सीएम गहलोत को बताना चाहिए कि 12 जुलाई से 13 अगस्त 2020 तक सचिन पायलट कांग्रेस के 18 विधायकों के साथ किसका बैंड बजा रहे थे? भले ही पायलट ने दिल्ली में बैंड बजाया हो, लेकिन उसकी आवाज ढाई सौ किलोमीटर दूर जयपुर में सुनाई दे रही थी। तभी तो अशोक गहलोत ने पायलट को धोखेबाज मक्कर, नकारा तक कहा। अशोक गहलोत कोई पहली बार मुख्यमंत्री नहीं बने हैं। 2018 से पहले भी गहलोत दो बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। कई बार केन्द्रीय मंत्री भी रहे हैं। ऐसे में उनसे संजीदा रहने की उम्मीद की जाती है, लेकिन मुख्यमंत्री के तीसरे कार्यकाल में अशोक गहलोत के शब्दों का स्तर बहुत नीचे हैं। गहलोत माने या नहीं लेकिन ऐसे शब्दों से उनकी गांधीवादी छवि पर प्रतिकूल असर पड़ता है। 
S.P.MITTAL BLOGGER (26-12-2020)
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