Friday 18 December 2020

अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते क्या सचिन पायलट के समर्थक संगठन और सरकार में एडजस्ट हो पाएंगे?19 दिसम्बर को दिल्ली में सोनिया गांधी के समक्ष अपनी बात रख सकते हैं गहलोत।गहलोत सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल के समारोह से दूर रहे सचिन पायलट।

19 दिसम्बर को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली में रहेंगे। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 19 दिसम्बर को कांग्रेस के प्रमुख नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इस बैठक में गहलोत को खासतौर से आमंत्रित किया गया है। इस बैठक में जनवरी फरवरी में होने वाले कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव पर भी चर्चा होगी। कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर जो आंतरिक खींचतान चल रही है उसमें 19 दिसम्बर की बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सीएम अशोक गहलोत श्रीमती गांधी से अलग से मुलाकात कर राजस्थान की स्थिति पर चर्चा कर सकते हैं। जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी ने राजस्थान के प्रभारी महासचिव अजय माकन से स्पष्ट कहा है कि राजस्थान में सरकार और संगठन में सचिन पायलट के समर्थकों को शामिल करवाया जाए। राहुल गांधी का तर्क है कि गत 14 अगस्त के बाद पायलट ने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे गहलोत सरकार को संकट हो। पायलट अपने 18 समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली से चुपचाप जयपुर लौट आए। पायलट की ओर से अब कोई विवाद नहीं रहा है। ऐसे में पायलट और उनके समर्थको को अलग थलग नहीं रखा जा सकता। राहुल गांधी ने मंत्री मंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों की तारीख भी तय कर दी है। राहुल ने इन कार्यों की क्रियान्विति की जिम्मेदारी अजय माकन पर डाली है। सूत्रों के अनुसार माकन ने राहुल गांधी की भावनाओं से सीएम गहलोत को अवगत करा दिया है। लेकिन सीएम गहलोत अभी भी पायलट समर्थकों को सरकार और संगठन में एडजस्ट करने पर सहमत नहीं है। सूत्रों के अनुसार गहलोत का तर्क है जुलाई-अगस्त में सचिन पायलट ने सरकार गिराने की पूरी तैयारी की थी। लेकिन सफलता नहीं मिली। इसलिए दिल्ली से चुपचाप लौट आए। पायलट ने मजबूरी में सरकार का समर्थन किया। अब यदि पायलट के समर्थकों को एडजस्ट किया जाता है तो उन 102 विधायकों में गलत संदेश जाएगा,जिन्होंने संकट के समय सरकार का साथ दिया था। सूत्रों के अनुसार 19 दिसम्बर को जब गहलोत सोनिया गांधी से मिलेंगे तब अपनी भावनाओं से अवगत कराएंगे। गहलोत को गांधी परिवार के प्रति वफादार माना जाता है। एक बार फिर वफादारी दिखाते हुए यदि पायलट समर्थकों को एडजस्ट करने के लिए गहलोत सहमत हो भी जाते हैं तो गहलोत का मन खुश नहीं रहेगा।  क्योंकि जुलाई अगस्त में सरकार बचाने के लिए गहलोत ने जबर्दस्त भागदौड़ की थी। तब पायलट को मक्कर, गद्दार, निकम्मा तक कहा। सवाल उठता है कि जिस नेता के बारे में ऐसे शब्दों का उपयोग किया हो, उस नेता के समर्थकों को सरकार और संगठन में कैसे एडजस्ट किया जा सकता है?
सरकारी समारोह से दूर रहे पायलट:
18 दिसम्बर को राजस्थान में कांग्रेस सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर वर्चुअल तकनीक से समारोह आयोजित किया गया। सीएम गहलोत के सरकारी निवास पर अधिकांश मंत्री उपस्थित रहे और 1362 कार्यों का लोकार्पण अथवा शिलान्यास किया गया। इस समारोह में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने सरकार की उपलब्धियाँ बताई।  लेकिन सरकार के इस समारोह से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट दूर रहे। हालांकि 18 दिसम्बर को पायलट जयपुर में ही थे। 
S.P.MITTAL BLOGGER (18-12-2020)
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