Thursday 3 December 2020

तो गजेन्द्र सिंह रलावता ही संभाल सकते हैं अजमेर नगर निगम को। आयुक्त खुशाल यादव की सिफारिश पर सरकार ने सेवानिवृत्त के बाद रलावता को अनुबंध के आधार पर वापस नियुक्ति दी। भाजपा सरकार में भी भरोसेमंद रहे रलावता।

राजस्थान नगर पालिका सेवा के अधिकारी गजेन्द्र सिंह रलावता 30 नवम्बर को अजमेर नगर निगम के उपायुक्त पद से सेवानिवृत्त हुए और दो दिसम्बर को रलावता ने अनुबंध के आधार पर दोबारा से उपायुक्त का पद संभाल लिया। असल में निगम के आयुक्त खुशाल यादव को पहले ही अहसास हो गया था कि रलावता बगैर नगर निगम का कामकाज चलाना मुश्किल होगा, इसलिए 4 नवम्बर को ही राज्य सरकार को पत्र लिख दिया था। इस पत्र में सेवानिवृत्ति के बाद रलावता को अनुबंध के आधार पर पुनर्नियुक्ति की सिफारिश की गई थी। आयुक्त की सिफारिश पर ही स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक दीपक नंदी ने दो दिसम्बर को पुनर्नियुक्ति पर हस्ताक्षर किए, इधर रलावता ने पद संभाल लिया। आयुक्त खुशाल यादव ने बताया कि वित्तीय मामलों को छोड़कर रलावता उपायुक्त पद के सभी कार्य करेंगे। रलावता की पुनर्नियुक्ति एक वर्ष के लिए की गई है। यह सही है कि गजेन्द्र सिंह रलावता कांग्रेस के प्रदेशमंत्री रहे महेन्द्र सिंह रलावता के छोटे भाई है। लेकिन रलावता की पुनर्नियुक्ति राजनीतिक कारणों से नहीं हुई है। असल में पिछले भाजपा सरकार में भी रलावता अजमेर नगर निगम की जरुरत रहे। मेयर धर्मेन्द्र गहलोत का तो इतना भरोसा था कि जब कभी आयुक्त छुट्टी पर जाते थे तो उपायुक्त रलावता को ही आयुक्त का चार्ज दिलवाते थे। भाजपा के शासन में मेयर गहलोत आयुक्त से ज्यादा रलावता पर भरोसा करते थे। कांग्रेस का शासन आने पर जब आईएएस चिन्मयी गोपाल नगर निगम की आयुक्त बनी तो सबसे पहले रलावता को प्रभावहीन किया, लेकिन चिन्मयी गोपाल को भी अहसास हो गया कि रलावता के बगैर काम नहीं चलेगा। असल में रलावता अपना काम वफादारी के साथ करते हैं। रलावता के व्यवहार से निगम के पार्षद और कार्मिक भी खुश रहते हैं। रलावता निगम का कार्य रात और दिन करने के लिए तत्पर रहते हैं। राज चाहे कांग्रेस का हो या भाजपा का दोनों में रलावता अपना व्यवहार एक सा रखते हैं। रलावता के भाई महेन्द्र सिंह रलावता ने वर्ष 2018 में जब अजमेर उत्तर से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर विधानसभा का चुनाव लड़ा तब भाजपा उम्मीदवार वासुदेव देवनानी की शिकायत पर रलावता को अजमेर से बाहर भेज दिया गया, लेकिन चुनाव खत्म होते ही रलावता फिर से अजमेर आ गए। अपने सद्व्यवहार की वजह से ही रलावता का जिला प्रशासन में भी अच्छा प्रभाव है। S.P.MITTAL BLOGGER (03-12-2020) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9509707595 To Contact- 9829071511

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