अभी भले ही अजमेर की जिला प्रमुख श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा और उनके पति भंवर सिंह पलाड़ा ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण नहीं की हो, लेकिन अजमेर जिले की कांगे्रस की राजनीति में पलाड़ा दम्पत्ति का जबर्दस्त दबदबा हो गया है। गत 10 दिसम्बर को भाजपा से बगावत कर श्रीमती पलाड़ा कांग्रेस के समर्थन से अजमेर की जिला प्रमुख निर्वाचित हुई और 16 दिसम्बर को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट तथा प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने जयुपर रोड स्थित पलाड़ा फार्म हाउस पर प्रभावी उपस्थिति दर्ज करवा दी। यूं तो पायलट और रघु शर्मा में छत्तसी का आंकड़ा रहा, लेकिन 16 दिसम्बर को दोनों नेता पलाड़ा फार्म हाउस पर एक साथ उपस्थित हुए। यहां पलाड़ा दम्पत्ति ने दोनों नेताओं का शानदार स्वागत किया और जिला प्रमुख के चुनाव में सहयोग देने के लिए आभार जताया। जिले में कांग्रेस की राजनीति को मजबूत करने की दृष्टि से पलाड़ा ने कांग्रेस के नेताओं को तलवारें भी भेंट की। इस अवसर पर सचिन पायलट ने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस ने श्रीमती सुशील कंवर पलाडा के आग्रह पर समर्थन देने का निर्णय लिया। अब चूंकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है तो मैं चाहता हंू कि अजमेर जिले में ग्रामीण विकास तेजी से हो। पायलट ने उम्मीद जताई कि श्रीमती पलाड़ा प्रभावी तरीके से जिला प्रमुख का कार्य करेंगी। पायलट ने कहा कि भंवर सिंह पलाड़ा जिला प्रमुख पति के साथ साथ विधायक पति भी रहे हैं, लेकिन कोई नहीं जानता कि भविष्य में पलाड़ा क्या बनेंगे। पायलट के इस कथन से प्रतीत होता है कि कांग्रेस अब भंवर सिंह पलाड़ा का उपयोग जिले भर में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए करेगी। इसमें कोई दो राय नहीं कि पलाड़ा का पूरे जिले में खासा प्रभाव है। श्रीमती पलाड़ा पूर्व में भी जिला प्रमुख रह चुकी हैं और मसूदा की विधायक भी रही हैं। अब तक पलाड़ा दम्पत्ति ने भाजपा में रह कर राजनीति की, लेकिन अब पलाड़ा कांग्रेस की राजनीति में शामिल हैं। माना जा रहा है कि पलाड़ा का सचिन पायलट के साथ साथ चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के साथ बेहतर तालमेल है, इसलिए दोनों नेता एक साथ पलाड़ा के फार्म हाउस पर उपस्थित हुए थे। सब जानते हैं कि इन दिनों अजमेर में कांग्रेस की राजनीति केकड़ी के विधायक और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के इशारे पर चलती है। जिला प्रमुख के चुनाव में पलाड़ा को समर्थन देने का निर्णय भी रघु शर्मा के प्रयासों से हुआ। रघु ने अपनी रणनीति से जहां अजमेर में भाजपा का जिला प्रमुख नहीं बनने दिया, वहीं भाजपा की गुटबाजी भी उजागर कर दी। जिला परिषद के 32 सदस्यों में से 21 भाजपा के निर्वाचित हुए थे, लेकिन इसके बावजूद भी भाजपा का जिला प्रमुख नहीं बना। श्रीमती पलाड़ा भी भाजपा उम्मीदवार के तौर पर वार्ड सदस्य का चुनाव जीती थी, लेकिन जिला प्रमुख के चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाए जाने से खफा श्रीमती पलाड़ा ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और कांग्रेस के समर्थन से जिला प्रमुख बनीं। बहुमत होने के बाद भी अजमेर में जिला प्रमुख नहीं बनने से प्रदेश स्तर पर भाजपा की किरकिरी हुई। शायद भाजपा के बड़े नेता पलाड़ा दम्पत्ति की ताकत का सही आंकलन नहीं कर सके। रघु शर्मा के प्रयासों से पलाड़ा दम्पत्ति जल्द ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकातकरेंगे। असल में अब रघु शर्मा पलाड़ा दम्पत्ति को अपनी राजनीति उपलब्धि मान रहे हैं। फिलहाल जिले में भाजपा को तो झटका मिला ही है। मेरे फेसबुक पेज
www.facebook.com/SPMittalblog पर पलाड़ा दम्पत्ति के लिए सचिन पायलट का संबोधन सुना जा सकता है।
कांग्रेस की सदस्यता नहीं लेंगी:
वहीं दूसरी ओर पलाड़ा दम्पत्ति ने स्पष्ट कहा है कि वे कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि जिला प्रमुख के चुनाव के समय उत्पन्न हुई परिस्थितियों के मद्देनज़र कांग्रेस का समर्थन लिया था।
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