27 दिसम्बर को मध्यप्रदेश सरकार ने भी लव जिहाद के विरुद्ध बनने वाले कानून को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूर किया। इस प्रस्ताव को कानून बनाने के लिए 28 दिसम्बर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। मध्यप्रदेश देश में दूसरा राज्य होगा, जो लव जिहाद के विरुद्ध कानून बना रहा है। उत्तर प्रदेश में पहले ही कानून बन चुका है। अब इस कानून के बनने के बाद मध्यप्रदेश में भी धर्म छिपाकर विवाह करने की घटनाओं पर रोक लगेगी। नए कानून के अनुसार कोई भी युवक धर्म बदल कर विवाह करता है तो उसे दो माह पहले जिला मजिस्ट्रेट को सूचना देनी होगी। यदि बगैर सूचना के कोई युवक दूसरे धर्म की लड़की से विवाह करता है तो उसे पांच वर्ष तक की सजा संभव है। बगैर सूचना के अनुसूचित जाति और नाबालिक युवती से विवाह करने पर दस वर्ष तक कि सजा का प्रावधान रखा गया है। यदि किसी कारण से विवाह विच्छेद होता है तो युवती का धर्म परिवर्तन अपने आप समाप्त हो जाएगा। विवाह के बाद घरेलू हिंसा होने पर युवती को शिकायत करने का कानूनी अधिकार होगा। मध्यप्रदेश के गृह मंत्री का कहना रहा है कि नए कानून के प्रभावी होने पर युवतियों का शोषणा रुकेगा। बहुत से युवक अपना धर्म छिपा कर हिन्दू युवतियों से विवाह कर लेते हैं और फिर बाद में ऐसी युवतियों को प्रताड़ना का शिकार होना पड़ता है। ऐसी शिकायतों को देखते हुए ही कानून बनाया गया है। सूचना देने के दो माह बाद ही विवाह करना मान्य होगा। यदि कोई युवक धर्म छिपाकर बिना सूचना के विवाह करता है तो ऐसा विवाह अब मान्य नहीं होगा।
राजस्थान में सीएम गहलोत पहले ही ऐसे कानून को खारिज कर चुके हैं:
धर्म छिपाकर विवाह करने पर कानून बनाने की मांग राजस्थान में भी हुई थी। लेकिन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ऐसी मांग को खारिज कर चुके हैं। गहलोत का कहना रहा कि लव जिहाद जैसा कोई शब्द ही नहीं है। यह शब्द भाजपा के नेताओं ने बनाया है। यदि कोई युवक-युवती स्वैच्छा से विवाह करना चाहते हैं तो उस पर किसी को भी ऐतराज नहीं होना चाहिए। हालांकि सीएम गहलोत ने धर्म छिपाकर विवाह करने वाले युवकों के बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया।
राजस्थान में सीएम गहलोत पहले ही ऐसे कानून को खारिज कर चुके हैं:
धर्म छिपाकर विवाह करने पर कानून बनाने की मांग राजस्थान में भी हुई थी। लेकिन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ऐसी मांग को खारिज कर चुके हैं। गहलोत का कहना रहा कि लव जिहाद जैसा कोई शब्द ही नहीं है। यह शब्द भाजपा के नेताओं ने बनाया है। यदि कोई युवक-युवती स्वैच्छा से विवाह करना चाहते हैं तो उस पर किसी को भी ऐतराज नहीं होना चाहिए। हालांकि सीएम गहलोत ने धर्म छिपाकर विवाह करने वाले युवकों के बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया।
S.P.MITTAL BLOGGER (26-12-2020)
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