Thursday 3 December 2020

अब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने किसान आंदोलन से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बताया। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद गंभीर बयान दिया। संघ से जुड़े किसान संघ ने भी एनएसपी पर कानून बनाने की मांग की। दिल्ली को भूखा मारने की धमकी।

3 दिसम्बर को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने दिल्ली में केन्द्रीय गृहमंत्री अमितशाह से मुलाकात की। यह मुलाकात देश की राजधानी दिल्ली के बाहर चारों तरफ चल रहे किसान आंदोलन के संबंध में रही। मुलाकात के बाद कैप्टन ने मीडिया से कहा कि किसान आंदोलन के लगातार चलने से देश की सुरक्षा को खतरा हो रहा है। उन्होंने माना कि इस आंदोलन की वजह से पंजाब की आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है। मैंने केन्द्रीय गृहमंत्री के समक्ष अपना पक्ष रख दिया है। सरकार को अब किसान आंदोलन का हल जल्द निकालना चाहिए। यहां उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय कृषि कानून के विरोध में सबसे पहले पंजाब के किसान ही सड़कों पर आए थे। तब यह आरोप लगा कि किसान आंदोलन की आड़ में खालिस्तान समर्थक भी सक्रिय हो गए हैं। जानकार सूत्रों के अनुसार 3 दिसम्बर की मुलाकात में गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस शासित प्रदेश पंजाब के सीएम अमरेन्द्र सिंह को आंदोलन के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस जानकारी के बाद ही अमरेन्द्र सिंह ने आंदोलन से देश की सुरक्षा को खतरा बताया। सीएम अमरेन्द्र सिंह का यह बयान बहुत गंभीर माना जा रहा है। दूसरी ओर दिल्ली के चारों तरफ बैठे आंदोलनकारी किसानों ने धमकी दी है कि अब कोई खाद्य सामग्री दिल्ली में नहीं जाने दी जाएगी। दिल्ली में प्रतिदिन 60 लाख लीटर दूध की सप्लाई होती है। इसी प्रकार 12 हजार टन फल और सब्जी बाहर से आते हैं। चूंकि सीमा पर किसान बैठे हुए हैं, इसलिए दिल्ली आने वाली फल-सब्जियां सड़ रही है। दिल्ली में फल-सब्जियोंं के दाम बढ़ गए हैं। यदि खाद्य पदार्थ से भरे ट्रकों को दिल्ली में आने की स्वीकृति नहीं मिली तो दिल्ली वासियों के सामने भीषण संकट खड़ा हो जाएगा। किसानों के प्रतिनिधियों ने कहा है कि उन्हें यह सब मजबूरी में करना पड़ रहा है। एनएसपी पर कानून बनाने की मांग: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ ने भी अब न्यूनतम समर्थन मूल्य (एनएसपी) पर कानून बनाने की मांग की है। संघ की ओर से कहा गया है कि सरकार जो एनएसपी निर्धारित करती है उसके अनुरूप किसानों से अनाजों की खरीद नहीं होती है। दलाल प्रवृत्ति के लोग किसानों को एनएसपी से कम दर पर अनाज बेचने के लिए मजबूर करते हैं। इसलिए एनएसपी पर सरकार को कानून बनाना चाहिए ताकि किसान सरकार द्वारा निर्धारित दर से कम पर अपनी फसल नहीं बेचे। संघ का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब केन्द्रीय कृषि कानूनों को रद्द करने या बदलाव करने की मांग को लेकर किसान संघों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच निर्णायक वार्ता हो रही है। 3 दिसम्बर को भी किसान संघों के 41 प्रतिनिधियों और केन्द्रीय मंत्रियों के बीच वार्ता हुई है। इधर, सरकार से वार्ता हो रही है उधर, दिल्ली के बाहर चारों तरफ बैठे किसानों की मांग है कि नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए। S.P.MITTAL BLOGGER (03-12-2020) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9509707595 To Contact- 9829071511

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