24 दिसम्बर को कृषि कानूनों के विरोध में राष्ट्रपति को ज्ञापन देने के बाद कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने केन्द्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के कारण लोकतंत्र को खतरा हो गया है। देखा जाए तो देश में लोकतंत्र समाप्त हो गया है। जो लोग केन्द्र सरकार के खिलाफ बोलते हैं, उनकी आवाज को दबा दिया जाता है। राहुल ने कहा कि मुझे पता है मीडिया भी कितने दबाव में काम कर रहा है। राहुल गांधी को मौजूदा माहौल में देश में लोकतंत्र खतरे में नजर आता हो, लेकिन सच्चाई यह है कि हाल ही में जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद के चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुए हंै। जिस कश्मीर घाटी को आतंकवाद का गढ़ माना जाता था उस कश्मीर में भी लोगों ने जिला विकास परिषद के चुनाव में बढ़ चढ़ कर भाग लिया है। अनुच्छेद 370 के समाप्त होने का परिणाम ही रहा कि जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद जैसी छोटी संस्थाओं के चुनाव भी हुए। सब जानते हैं कि पहले फारुख अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ़्रेंस और महबूबा मुफ्ती की पीडीपी ने इन चुनावों के बहिष्कार की घोषणा की थी। लेकिन बाद में इन चुनावों का महत्व समझते हुए अपने उम्मीदवार खड़े किए। इसे भारत का मजबूत लोकतंत्र ही कहा जाएगा कि आजादी के बाद से आतंक से ग्रस्त जम्मू कश्मीर में भी शांतिपूर्ण तरीके से वार्ड स्तर के चुनाव सम्पन्न हुए हैं। यह बात अलग है कि इन चुनावों में कांग्रेस को सफलता नहीं मिली। कांग्रेस को तो अधिकांश प्रदेशों में भी चुनाव में सफलता नहीं मिल रही है। हाल ही में बिहार में हुए चुनाव में 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए, लेकिन मात्र 19 उम्मीदवार ही जीत पाए। इसी प्रकार हैदराबाद महानगर पालिका के 150 वार्डों में से कांग्रेस को सिर्फ 2 वार्डों में जीत मिली है। चार माह बाद पश्चिम बंगाल में भी विधानसभा के चुनाव होने हैं। कांग्रेस अकेले दम पर बंगाल में चुनाव लड़ेगी। हालांकि बिहार में कांग्रेस ने आरजेडी के साथ गठबंधन किया था। लेकिन जितनी सफलता आरजेडी को मिली उसकी चौथाई भी कांग्रेस को नहीं मिल सकी। राहुल गांधी को भले ही लोकतंत्र खतरे में नजर आता हो, लेकिन यह भारत देश ही है जहां देश ही राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 29 दिनों से किसान रास्ता रोककर बैठा हुआ। जेएनयू यूनिवर्सिटी के परिसर में किस तरह देश विरोधी नारे लगाए जाते हैं, इसकी जानकारी भी राहुल गांधी को है। राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि 545 सांसदों में से कांग्रेस के सिर्फ 51 सांसद हैं। देश में चुनाव लोकसभा के हो या विधान सभाओं के सभी चुनाव समय पर हो रहे हैं। जबकि 1975 में कांग्रेस के शासन में आपात काल लगाकर चुनावों को ही टाल दिया गया था। लोकतंत्र में चुनाव ही सबसे महत्वपूर्ण होता है। यह बात अलग है कि देश की जनता अब कांग्रेस को सत्ता से बाहर रख रही है। शायद इसलिए राहुल गांधी को देश में लोकतंत्र खतरे में नजर आ रहा है।
S.P.MITTAL BLOGGER (24-12-2020)
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