Sunday 22 November 2015

तो श्री सीमेन्ट को इसलिए दी थी करोड़ो की खनन भूमि।



सीएम राजे के कहने पर ढाई करोड़ का खर्च
राजस्थान के जागरूक लोगों को याद होगा कि सीएम वसुंधरा राजे ने खान विभाग के केबिनेट मंत्री की हैसियत से ब्यावर की श्री सीमेन्ट कंपनी को सैकड़ों बीघा खनन भूमि कोडिय़ों के भाव आवंटित की थी। यह आवंटन तब किया गया जब दो दिन बाद केन्द्र सरकार की नई खनन नीति आने वाली थी, इस नई नीति में आवंटन पर रोक लगाई गई थी, तब श्री सीमेन्ट के साथ-साथ इमामी सीमेन्ट, लाफार्ज और आर के मार्बल की वण्डर सीमेन्ट को भी खनन भूमि आवंटित की गई थी। हालांकि केन्द्र सरकार में दबाव के बाद सभी आवंटनों को रद्द कर दिया गया। अब वो ही श्री सीमेन्ट सीएम राजे के कहने से अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर मेले पर कोई ढाई करोड़ रुपए खर्च कर रही है। सरकार ने इस बार पुष्कर मेले में कुछ कार्यक्रम करने का जिम्मा टीम वर्क आट्र्स प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी को दिया है। इस कम्पनी का चयन भी मुख्यमंत्री के स्तर पर ही हुआ है। कंपनी को श्री सीमेंट वाले कोई ढाई करोड़ रुपए का भुगतान करेंगे। जिस पुष्कर मेले का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्व है, उस मेले में जो आयोजन हो रहे है उसका नाम श्री सीमेंट दी सेक्रेड पुष्कर महोत्सव रखा गया है। पुष्कर मेले की ख्याति को भुनाने का अधिकार सिर्फ वसुंधरा राजे ही दे सकती हंै। वसुंधरा राजे श्री सीमेन्ट और टीम वर्क आर्टस प्राइवेट लिमिटेड का कितना तगड़ा गठजोड़ है इसका अंदाजा टीम वर्क कंपनी के एमडी संजय रॉय के द्वारा जारी प्रेस नोट से लगाया जा सकता है। इस प्रेस नोट में स्वीकार किया गया है कि मेले के सारे आयोजन श्री सीमेन्ट द सीक्रेड पुष्कर महोत्सव के अंतर्गत हो रहे हंै और उनकी कम्पनी ही 22 से 24 नवम्बर के बीच धार्मिक सांस्कृतिक, आध्यात्मिक आयोजन करवा रही है। इसके लिए संजय रॉय  ने राजस्थान सरकार और श्री सीमेंट के प्रति आभार भी प्रकट किया गया है। इतना ही नहीं इस प्रेसनोट में वसुंधरा राजे का संदेश भी लिखा गया है यानि जो संजय रॉय श्री सीमेन्ट से ढाई करोड़ रुपए लेकर कार्यक्रम कर रहे हैं उसमें सीएम राजे का बयान भी अपने स्तर पर जारी कर दिया। पता नहीं संजय रॉय को सीएम राजे ने कोई संदेश भेजा या नहीं लेकिन संजय रॉय ने अपने प्रेसनोट में यह दावा किया है कि सीएम राजे ने उनके कार्यक्रम की प्रशंसा की है और लोगों को जश्न मनाने का आह्वान किया है। इस पूरे आयोजन से ऐसा प्रतीत होता है कि पुष्कर मेला इस बार ठेके पर हो रहा है।
महाआरती को लेकर विवाद :
चूंकि पुष्कर के सरोवर के घाट पर महाआरती का आयोजन भी ई-फेक्टर नामक कंपनी कर रही है इसलिए 22 नवम्बर को मुख्यमंत्री के आगमन पर तीर्थ पुरोहित संघ और कंपनी के अधिकारियों के बीच विवाद हो गया। कंपनी के अधिकारी चाहते थे कि सीएम राजे की पीठ सरोवर की ओर हो और फिर कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाए, लेकिन पुरोहित संघ के अध्यक्ष श्रवण पाराशर ने स्पष्ट कह दिया कि यदि वसुंधरा राजे की पीठ सरोवर की ओर करवाई गई तो महाआरती में तीर्थ पुरोहित भाग नहीं लेंगे। इस धमकी के बाद ही कंपनी को झुकना पड़ा।
जैन संत से लिया आशीर्वाद:
सीएम राजे ने 22 नवम्बर को अजमेर में जैन संत पुलक सागर महाराज से आशीर्वाद लिया। इससे पहले जैन संत और राजे के बीच टेलीफोन पर संवाद हुआ था। 
धर्मशाला का उद्घाटन:
सीएम राजे ने अपने अजमेर दौरे में लोहागल गांव स्थित स्वातंत्रता सैनानी कप्तान दुर्गा प्रसाद चौधरी धर्मशाला का उद्घाटन भी किया। इस अवसर पर कप्तान साहब के पुत्र और दैनिक नवज्योति अखबार के मालिक दीनबंधु चौधरी ने राजे के प्रति आभार जताया। 
(एस.पी. मित्तल)
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