Friday 13 November 2015

इधर टीपू सुल्तान पर कर्नाटक बन्द, उधर लंदन में महारानी ने बुलाया नरेन्द्र मोदी को लंच पर



13 नवंबर को दो महत्वपूर्ण घटनाएं हुई। भाजपा और विश्व हिन्दू परिषद ने टीपू सुल्तान की जयंती मनाए जाने के विरोध में कर्नाटक को बंद करवाया तो उधर सात समन्दर पार लंदन में हमारे पीएम नरेन्द्र मोदी को इंग्लैण्ड की महारानी ने लंच पर आमंत्रित किया। हम सब जानते हैं कि मुगलकाल के बादशाह टीपू सुल्तान और इंग्लैण्ड की महारानी के प्रतिनिधियों ने इस देश पर बलात शासन ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति को नष्ट भ्रष्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इतिहासकारों के अनुसार टीपू सुल्तान ने अपने शासनकाल में न केवल हिन्दुओं का कत्लेआम किया, बल्कि धार्मिक स्थानों को नष्ट कर दिया। जो हिन्दु मुसलमान नहीं बना, उसे सजाए मौत दी गई। यह बात अलग है कि कुछ इतिहासकारों ने टीपू सुल्तान की छवि को अपने नजरिए से भी प्रस्तुत किया है लेकिन ऐसे इतिहासकारों ने भी यह माना है कि टीपू सुल्तान अपने धर्म के प्रति कट्टर था। ऐसे टीपू सुल्तान की जयंती कर्नाटक की कांग्रेस सरकार मना रही है। न केवल समारोह आयोजित किए जा रहे हैं बल्कि कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया खुद टीपू सुल्तान वाली टोपी और हाथ में तलवार लेकर फोटो शूट करवा रहे हैं। मुझे नहीं पता कि देश का आम मुसलमान टीपू सुल्तान को किस नजरिए से देखता है, लेकिन इतना तो जरूर है कि कोई मुसलमान यह नहीं चाहेगा कि जो हिन्दु मुसलमान न बने उसे मौत के घाट उतार दिया जाए। समझ में नहीं आता कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार टीपू सुल्तान की जयंती का जश्न क्यों मना रही है? जब कांग्रेस टीपू सुल्तान की जयंती का जश्न मनाएंगी तो फिर विश्व हिन्दू परिषद तो विरोध करेगी ही। हो सकता है कि विहिप का भाजपा के साथ राजनैतिक नजरिया हो, लेकिन कांग्रेस सरकार भी तो जयंती के जश्न से बच सकती थी। कुछ कथित प्रगतिशील बुद्धिजीवी विहिप पर हिन्दुओं की भावनाओं को भड़काने का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन सवाल उठता है कि आखिर कर्नाटक में टीपू सुल्तान की जयंती का जश्न मनाकर कांग्रेस क्या कर रही है? जिस राजा ने अपने धर्म के खातिर दूसरे धर्म के लोगों को मौत के घाट उतरवा दिया हो, उस राजा की जयंती का जश्न मनाने का आज क्या तुक है? आज छोटी-छोटी बातों को लेकर पूरे देश में जो साम्प्रदायिक तनाव हो जाता है, उसके पीछे कांग्रेस की यही नीति जिम्मेदार है।
13 नवंबर को पीएम मोदी ने लंदन में जिस महारानी के साथ लंच किया, उस महारानी के पूर्वजों के प्रतिनिधियों ने भी भारत पर 200 वर्षों तक बलात शासन किया। आज उसी साम्राज्य की महारानी एक टेबल पर बैठकर मोदी के साथ खाना खा रही है। यह खाना अकेले मोदी ने नहीं खाया, बल्कि इस देश के सवा सौ करोड़ लोगों ने भी खाया है। इसमें ना हिन्दू का भेद है ना ही मुसलमान का। यानि मोदी ने पूरे देश का सम्मान बढ़ाया है। भारत में मोदी को लेकर चाहे जैसी राजनीति होती हो लेकिन मोदी ने इंग्लैण्ड में भी भारत को बुद्ध और गांधी का देश बताया तथा सबका साथ सबका विकास की बात कही। बात किसी प्रदेश के चुनाव परिणाम की नहीं है। अहम बात यह है कि सम्पूर्ण देश का विकास होना चाहिए। आने वाले दिनों में चुनाव के परिणाम तो आते ही रहेंगे, लेकिन देश की जनता को यह समझना होगा कि हमें टीपू सुल्तान जैसे शासक की जयंती मनानी है या फिर सबका साथ सबका विकास करना है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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