Tuesday 24 November 2015

बीपीएल पार्टी, युवा कांग्रेसी और सिख समुदाय मित्तल अस्पताल के खिलाफ उतरे।



प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर आए समर्थन में
अजमेर के पुष्कर रोड स्थित 100 पलंग वाले मित्तल अस्पताल के खिलाफ सिख समुदाय, बीपीएल पार्टी और युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल दिया है, वहीं प्राइवेट मेडिकल प्रेक्टिसनर्स सोसायटी के बैनर तले डॉक्टर मित्तल अस्पताल के समर्थन में भी सामने आए हैं। 24 नवम्बर को कांग्रेस के युवा कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पर मित्तल अस्पताल के खिलाफ प्रदर्शन किया तो वहीं सिख समुदाय ने चेतावनी दी है कि यदि अस्पताल के प्रबंधन और दोषी चिकित्सकों के खिलाफ सख्त कार्यवाही नहीं की गई तो उग्र आंदेालन किया जाएगा। मालूम हो कि गत 21 नवम्बर को हार्ट सर्जरी के बाद नरेन्द्र सिंह कोचर नामक मरीज की मौत मित्तल अस्पताल में हो गई थी। कोचर के परिजन की नाराजगी को देखते हुए पुलिस ने अस्पताल के डॉक्टर प्रदीप पोखरणा को शांतिभंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया। पुलिस ने मित्तल अस्पताल के प्रबंधन के खिलाफ जो एफआईआर दर्ज की है और जिस तरह डॉ. पोखरणा को गिरफ्तार किया, उसके विरोध में 24 नवम्बर को प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर यहां आजाद पार्क पर एकत्रित हुए और रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पर पहुंचे, चूंकि पुष्कर मेले का सार्वजनिक अवकाश था, इसलिए डॉक्टरों ने सोसायटी का ज्ञापन कलेक्ट्रेट के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी को दिया। इस ज्ञापन में कहा गया कि कोचर की मौत के बाद 21 नवम्बर को परिजन ने मित्तल अस्पताल में हंगामा कर चिकित्सकों को जान से मारने की धमकी दी। पुलिस को हंगामा करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए थी, लेकिन पुलिस ने उल्टे अस्पताल के चिकित्सकों को ही गिरफ्तार कर लिया। ज्ञापन में कहा गया कि परिजन के व्यवहार की वजह से मित्तल अस्पताल के चिकित्सकों का काम करना मुश्किल हो रहा है। इस समय अजमेर में चिकित्सकों में दहशत का माहौल है। ऐसे माहौल में काम करना बेहद मुश्किल हो रहा है। 
नहीं मिला पूरा समर्थन:
मित्तल अस्पताल के प्रबंधन को प्राइवेट मेडिकल प्रेक्टिसनर्स सोसायटी से जुड़े प्राइवेट अस्पतालों के चिकित्सकों का पूरा समर्थन नहीं मिला। सोसायटी के आह्वान के बाद भी अनेक प्राइवेट अस्पतालों में मंगलवार को सामान्य दिनों की तरह कामकाज हुआ। श्रीनगर रोड स्थित प्राइवेट अस्पताल प्रमुख डॉ. विनीत कुमार गर्ग ने सोसायटी के कदम को ही गलत बताया है। डॉ. गर्ग ने कहा कि यह विवाद मित्तल अस्पताल के प्रबंधन और मतक मरीज के परिजन के बीच का है। इससे दूसरे प्राइवेट अस्पतालों के चिकित्सकों को नहंी उलझना चाहिए। सोसायटी के दो-चार पदाधिकारियों ने ही अपने स्तर पर मित्तल अस्पताल का समर्थन करने का निर्णय ले लिया। पदाधिकारियों को इसके लिए सोसायटी की साधारण सभा आयोजित करनी चाहिए थी। मरीजों के नाराज परिजन इस तरह के हंगामे करते रहते हैं, लेकिन सोसायटी ने अन्य मामलों में ऐसी कार्यवाही नहीं की है। 
युवक कांग्रेस का प्रदर्शन:
युवक कांग्रेस के दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष लोकेश शर्मा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। बाद में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम दिए गए ज्ञापन में मांग की गई कि मित्तल अस्पताल में 21 नवम्बर को जिस प्रकार हृदय रोगी नरेन्द्र पाल सिंह कोचर की मौत हुई, उसकी उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए। साथ ही स्व. घीसीबाई चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित मित्तल अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर के कामकाज की न्यायिक जांच करवाई जाए। सरकार ने चेरिटेबल ट्रस्ट की वजह से इस अस्पताल को रियायती दर पर जमीन का आवंटन किया था। नियमों के तहत अस्पताल में गरीबों का नि:शुल्क इलाज होना चाहिए, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ऐसा नहीं करता है। अस्पताल का उद्देश्य सिर्फ धन अर्जित करना है। 
आईजी को देंगे ज्ञापन
मित्तल अस्पताल में नरेन्द्र पाल सिंह कोचर की मौत के मामले में सिख समुदाय के प्रतिनिधि बुधवार को रेंज की आईजी श्रीमती मालिनी अग्रवाल को ज्ञापन देंगे। सिख प्रतिनिधियों की एक बैठक गंज स्थित गुरुद्वारे में हुई। पूर्व पार्षद अमोलक सिंह छाबड़ा ने बैठक में कहा कि मित्तल अस्पताल की लापरवाही की वजह से हार्ट ऑपरेशन के दौरान कोचर की मौत हुई और उसके बाद बेवजह कोचर को वेंटीलेटर पर रखा गया। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन और दोषी चिकित्सकों की शीघ्र गिरफ्तारी होनी चाहिए। छाबड़ा ने कहा कि पुलिस पर बेवजह दबाव बनाने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने निजी चिकित्सालयों के डॉक्टरों से रैली निकलवाई है। बैठक में मौजूद सिख प्रतिनिधियों ने कहा कि यदि सख्त कार्यवाही नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। बैठक के बाद सिख प्रतिनिधियों ने उत्तर क्षेत्र के पुलिस उपाधीक्षक राजेश मीणा से मुलाकात की। मीणा ने भरोसा दिलाया कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी।
बीपीएल पार्टी ने भी की खिलाफत:
भारतीय पब्लिक लेबर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल साहू ने मुख्मंत्री वसुंधरा राजे, राज्य के चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़, एडीए के अध्यक्ष हेमंत गेरा को पत्र प्रेषित कर अजमेर के सभी निजी चिकित्सालयों पर अंकुश लगाने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा पारित अधिनियम राजस्थान हॉस्पिटिलिटी इस्टेबलिश्मेंट एक्ट 2014 को कड़ाई से लागू करने की मांग की है। साहू ने कहा कि यह कानून सख्ती से लागू नहीं करने के कारण सभी निजी अस्पताल के संचालक अपनी मनमर्जी कर मरीजों और उनके परिजन को आर्थिक शोषण कर रहे हैं और अपनी तिजोरियां भरने में लगे हुए हैं। इन निजी चिकित्सालयों के प्रबंधक सरकारी चिकित्सालयों में तैनात चिकित्सकों को भी अपने अस्पतालों में गुप्त रूप से इलाज और ऑपरेशन तक करवा कर सरकारी निमयों की अवहेलना कर रहे हैं। अभी हाल ही में पुष्कर रोड स्थित मित्तल अस्पताल में एक मरीज को दो दिन पूर्व मर जाने के बाद भी उनके परिजन से इलाज के नाम पर राशि वसूलते रहे। इतना ही नहीं मित्तल अस्पताल अपने धनबल और राजनीतिक रसूकात के चलते शहर के निजी अस्पतालों को अपनी राह पर चलने के लिए हड़ताल कराकर प्रशासन पर दबाव बनाना चाहता है। जिसे बीपीएल पार्टी के कार्यकर्ता और शहर की जनता कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। अगर प्रशासन ने मित्तल अस्पताल में हुए उपरोक्त प्रकरण के अलावा पूर्व में अन्य दर्ज शिकायतों पर सख्त कार्यवाही नहीं की तो पार्टी के कार्यकर्ता जनहित में उग्र आंदोलन करेंगे। जिसकी समस्त जिम्ममेदारी जिला प्रशासन की होगी। 

(एस.पी. मित्तल)
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