Thursday 19 November 2015

आखिर कलेक्टर ने दे ही दिया पुष्कर के विधायक को सम्मान।



अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त तीर्थनगरी पुष्कर के भाजपा विधायक सुरेश सिंह रावत गदगद हंै। ऐतिहासिक पुष्कर मेले का झंडारोहण 19 नवम्बर को विधायक रावत ने ही किया। पुष्कर मेले में झंडा रोहण हमेशा जिला कलेक्टर के द्वारा ही किया जाता है। गत बार भी कलेक्टर डॉ. आरुषि मलिक ने ही झंडा रोहण किया था। गत बार मेले की तैयारियों को लेकर कलेक्टर और विधायक आमने-सामने भी हो गए थे, लेकिन इस बार कलेक्टर ने विधायक को झंडारोहण का अवसर देकर उत्साहित कर दिया। संभवत: पुष्कर मेले के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब क्षेत्रीय विधायक ने झंडारोहण किया हैं। यही वजह है कि अब विधायक रावत बार-बार कह रहे है कि प्रशासन ने मेले में माकूल इंतजाम किए है। अब रावत कलेक्टर मलिक की प्रशंसा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। झंडा रोहण की रस्म के साथ ही पांच दिवसीय पुष्कर मेले का आगाज भी हो गया है। 
महाआरती में भी सब खुश:
19 नवम्बर की शाम को पुष्कर के घाटों पर हुई महाआरती में भी जिला कलेक्टर मलिक ने सब को खुश कर दिया। तीर्थ पुरोहितों से लेकर पुष्कर के हितों के लिए चिता व्यक्त करने वाले सभी लोगों को महाआरती में शामिल कर लिया गया। पुष्कर के जिन जागरुक लोगों ने गत वर्ष मेले में कलेक्टर मलिक को देखा है, उनका कहना है कि इस बार कलेक्टर साहिबा में बहुत बदलाव है। ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है, जिसमें समस्याएं खड़ी होती हों। इसके विपरीत नाराज लोगों को भी छोटा-बड़ा काम देकर खुश किया जा रहा है। 22 नवम्बर को सीएम वसुंधरा राजे पुष्कर आएंगी। कलेक्टर को पूरा भरोसा है कि सीएम के सामने पुष्कर के लोग उनकी खूश प्रशंसा करेंगे। डॉ. मलिक को सार्वधिक प्रशंसा की उम्मीद विधायक रावत से ही है। 
भूल गए सलामी देना 
19 नवम्बर को मेला मैदान में प्रात: 9 बजे जब विधायक रावत ने झंडारोहण किया तो उपस्थित अधिकारी और अन्य अतिथि झंडे को सलामी देना ही भूल गए। इधर झंडा लहरने के साथ ही पुलिस बैंड ने राष्ट्रगान शुरू किया तो उधर अधिकांश लोग वापस अपनी कुर्सियों पर जाकर बैठ गए। कायदे से सभी लोगों को विधायक के साथ ही राष्ट्रगान के समय खड़े होकर झंडे के प्रति सम्मान प्रकट करना चाहिए था। 
अशोक टांक की पीड़ा
प्रतिवर्ष पुष्कर मेले में अंतर्राष्ट्रीय कलाकार अशोक टांक की सक्रिय भूमिका रहती है। मेले में टांक अपने ऊंट को आकर्षक ढंग से सजाते है। टांक ने वर्षों पहले ऊंट सजाने की जो परंपरा शुरू की वह आज भी जारी है। 19 नवम्बर को भी झंडा रोहण के समय टांक अपने ऊंट को सजा कर लाए, लेकिन टांक की अब यह पीड़ा है कि राज्य सरकार में ऊंट को संरक्षित पशु तो घोषित कर दिया, लेकिन इसके नियम अभी तक भी नहीं बनाए हैं। जिसकी वजह से ऊंटों का कारोबार करने वालों को भारी परेशानी हो रही है। टांक ने कहा है कि वे इस मामले को 22 नवम्बर को सीएम राजे के सामने उठाएंगे।
कम आए पंजाब के घोड़े:
प्रतिवर्ष पुष्कर मेले में पंजाब के घोड़े बिक्री के लिए बड़ी संख्या में आते रहे हैं। लेकिन इस बार पंजाब के घोड़ों की संख्या बहुत कम रही है। पंजाब के घोड़े खरीदने के लिए देशभर से व्यापारी और रईस परिवारों के लोग आते हैं, लेकिन इस बार ऐसे लोगों को मायूस होना पड़ा। मालूम हो कि पंजाब के युवा नशे में जकड़े हुए हैं, इससे शायद घोड़ों की नस्ल भी खराब हो गई है। 
कलेक्टर ने लगाई झाडू:
जिला कलेक्टर डॉ. आरुषि मलिक ने पुष्कर तीर्थ पुरोहित संघ के अध्यक्ष श्रवण पाराशर, मेला मजिस्ट्रेट हीरा लाल मीना सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ झाडू निकालकर 'मेरा स्वच्छ पुष्कर अभियानÓ की शुरुआत की। जिला कलेक्टर ने ब्रह्मा मंदिर के सामने मुख्य सड़क व दुकानों के नीचे पड़े कचरे को उठाकर दुकानदारों से अनुरोध किया कि वे अपनी दुकानों के बाहर पर्याप्त संख्या में डस्टबीन रखे और उनके यहां आने वाले ग्राहक व यात्रियों से कचरा डस्टबीन में डालने की व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि यदि दुकानदारों व नागरिकों द्वारा पूरा सहयोग मिला तो यह तीर्थ स्थल 'मेरा स्वच्छ पुष्करÓ कहलाएगा। जिला कलेक्टर डॉ. आरुषि मलिक ने ब्रह्मा मंदिर से ब्रह्म चौक बाजार तक पैदल चलकर सभी दुकानदारों को सफाई के बारे में व्यक्तिगत तौर पर समझाया।  उन्होंने पुष्कर घाटों पर भी जाकर सफाई की। नगर पालिका के पूर्व उपाध्यक्ष जयनारायण दग्दी सहित अन्य पार्षद सहित यात्रियों ने भी सफाई अभियान में अपनी भागीदारी निभायी।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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