Saturday 14 November 2015

बिजली सिक्युरिटी राशि के नाम पर लूट मचाई वसुन्धरा सरकार ने



राजस्थान में भाजपा की वसुन्धरा राजे सरकार ने बिजली की सिक्युरिटी राशि के नाम पर लूट मचा रखी है। सरकार ने ऐसा कानून बना दिया है कि लूट की सिक्युरिटी राशि जमा नहीं कराई गई तो बिजली का कनेक्शन काट दिया जाएगा। उपभोक्ताओं को नवम्बर माह में जो बिल प्राप्त हुआ है उसमें सिक्युरिटी राशि का मांग पत्र भी संलग्न किया गया है। इस मांग पत्र में धमकी दी गई है कि यदि सिक्युरिटी राशि जमा नहीं कराई गई तो बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा। उपभोक्ताओं को नोटिस देकर बताया गया है कि विद्युत वितरण लिमिटेड की टीसीओएम के उपबन्ध 16 के अन्तर्गत सिक्युरिटी राशि जमा कराना अनिवार्य है। उपभोक्ता के यह समझ में नहीं आ रहा कि आखिर नवम्बर माह में किस बात की सिक्युरिटी वसूली जा रही है। निगम की ओर से सिर्फ इतना ही बताया गया है कि अप्रैल 2014 से मार्च 2015 के बीच जो बिजली का उपभोग किया उसके अनुरूप सिक्युरिटी राशि ली जा रही है। अब तक उपभोक्ता कनेक्शन लेने पर सिक्युरिटी राशि जमा कराता आ रहा है लेकिन अब वसुन्धरा राजे ने ऐसा कानून बना दिया है जिसके अन्तर्गत वर्ष भर के उपभोग के आधार पर सिक्युरिटी राशि प्रतिवर्ष वसूली जाएगी। जहां यह सवाल उठता है कि यदि किसी उपभोक्ता ने वित्तीय वर्ष 15-16 में विद्युत का उपभोग कम किया तो क्या वसुन्धरा सरकार उपभोक्ता को पिछले वर्ष की सिक्युरिटी राशि वापस करेगी? इस सवाल का जवाब देने को कोई अधिकारी तैयार नहीं है। सिक्युरिटी का नोटिस वसुन्धरा सरकार ने दीपावली पर्व के अवसर पर दिया है। उपभोक्ताओं से 500 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक वसूले जा रहे हैं। वसुन्धरा राजे भले ही नवम्बर माह में रिसर्जेन्ट राजस्थान का आयोजन कर देशी-विदेशी उद्योगपतियों को बुला रही हो लेकिन सिक्युरिटी राशि की लूट को लेकर प्रदेश भर के आम उपभोक्ता और छोटे बड़े उद्योगपति सरकार को कोस रही है।
इसे भी सरकार की लूट ही कहा जाएगा कि उपभोक्ता से विद्युत खर्च के अतिरिक्त अन्य प्रकार से भी राशि वसूली जाती है। प्रत्येक उपभोक्ता से 400 रुपए स्थाई शुल्क वसूलने के साथ-साथ 42 रुपए नगरीय उपकर भी लिए जा रहे हैं। इतना ही नहीं वर्तमान उपभोग पर विद्युत शुल्क भी लिया जा रहा है। उपभोक्ता के यह समझ में ही नहीं आ रहा कि आखिर वसुन्धरा सरकार बिजली के बिल में कौन-कौनसी राशि वसूल रही है। शर्मनाक बात तो यह है कि जब कोई जागरूक उपभोक्ता निगम के दफ्तर जाकर इंजीनियरों से सवाल करता है तो उसे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता है। वसुन्धरा राजे को एक मध्यमवर्गीय परिवार का बिजली का बिल मंगाकर यह देखना चाहिए कि उनकी सरकार ने किस प्रकार की लूट मचा रखी है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

1 comment:

  1. Security ka rule to jabse electricity discoms bane he tab ze Hi he isme CM madam kya kare.

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