Saturday 7 November 2015

बेटियों के खातिर धर्मेन्द्र प्रधान और भूपेन्द्र यादव छोड़ आए बिहार



बिहार में विधानसभा चुनाव की मतगणना आठ नवम्बर को होनी है। इस चुनाव में भाजपा और पीएम नरेन्द्र मोदी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और राष्ट्रीय महामंत्री भूपेन्द्र यादव को बिहार में चुनाव का प्रभारी बना रखा है, लेकिन प्रधान और यादव मतगणना से एक दिन पहले बिहार को छोड़कर अजमेर आ गए। चूंकि आठ नवम्बर को ही मतगणना होनी है, ऐसे में सात नवंबर को इन दोनों की उपस्थिति पटना में होना जरूरी थी लेकिन इन नेताओं ने अपनी बेटियों को ज्यादा महत्व दिया। प्रधान और यादव की बेटी अजमेर के मेयो गल्र्स स्कूल में 11वीं कक्षा की स्टूडेन्ट हैं। सात नवंबर को स्कूल का वार्षिक समारोह था। बेटियों की इच्छा थी कि उनके पिता वार्षिक समारोह में उपस्थित रहें। बेटियों की इच्छा को पूरा करने के लिए प्रधान और यादव अजमेर आ गए। अजमेर आने के लिए दोनों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से विशेष तौर से अनुमति ली। ये दोनों नेता अपनी बेटियों की इच्छा को पूरी करने के बाद 7 नवंबर की देर रात ही पटना पहुंच जाएंगे।
बने रहे अभिभावक:
प्रधान और यादव दोनों का ही सत्ता और संगठन में जबर्दस्त महत्व है, लेकिन स्कूल के समारोह में दोनों अभिभावक बनकर बैठे रहे। इस समारोह में केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली मुख्य अतिथि थे, लेकिन प्रधान और यादव मंच पर नहीं बैठे। दोनों नेता आम लोगों की तरह मंच के सामने बैठे रहे। समारोह के बाद जब मीडिया ने भी धर्मेन्द्र प्रधान से बात करनी चाही तो उन्होंने कहा कि आज वे एक पिता के रूप में यहां आए हैं, इसलिए राजनीति की कोई बात नहीं करेंगे, अलबत्ता प्रधान ने अपने मंत्रालय के अधिकारियों से अजमेर में चल रही गतिविधियों की जानकारी ली।
अभिभावक हुए परेशान:
जो अभिभावक स्कूल के समारोह में भाग लेने के लिए अजमेर आए, उन सभी को परेशानी का सामना करना पड़ा। हुआ यूं कि जेटली को प्रात: 10.30 बजे आना था लेकिन जेटली दोपहर 12.30 बजे आए। आमतौर पर मेयो कॉलेज की शिक्षण संस्थाएं कभी भी वीआईपी का इंतजार नहीं करती हैं, लेकिन सात नवंबर को मेयो गल्र्स स्कूल ने अपना वार्षिक समारोह दो घंटे विलम्ब से शुरू किया। असल में इस स्कूल में देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों, बड़े नौकरशाहों, राजनीतिज्ञों, मंत्रियों एवं अन्य प्रभावशाली लोगों के बच्चे अध्ययन करते हैं। चूंकि 7 नवंबर से ही आगामी दो माह के लिए स्कूल में अवकाश घोषित हो गया इसलिए अभिभावक अपने साथ अपनी बच्चियों को भी ले गए। जिन अभिभावकों ने समारोह के कार्यक्रम के अनुरूप रवानगी का प्रोग्राम बनाया था, उन सबको परेशानी हुई। कई अभिभावक तो जयपुर से अपनी फ्लाईट के समय को ध्यान में रखते हुए समारोह से पहले ही चले गए। यही वजह रही कि कई छात्राएं मुख्य अतिथि के हाथों पुरस्कार नहीं ले सकीं।
पृथ्वीराज चौहान की नगरी है अजमेर:
मेयो कॉलेज प्रबंध समिति के अध्यक्ष और कोटा राजघराने के प्रमुख बृजराज सिंह ने कहा कि उनके पूर्वज पृथ्वीराज चौहान ने ही अजमेर का विकास करवाया था। इसलिए अजमेर को पृथ्वीराज चौहान की नगरी कहा जाता है। अजमेर के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए विकास किया जाना चाहिए।
नीरज जैन हैं स्थानीय संरक्षक:
भाजयुमो के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और अजमेर नगर निगम के पार्षद नीरज जैन ही केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधन की पुत्री निमिषा प्रधान के स्थानीय संरक्षक हैं। यही वजह रही कि प्रधान ने 7 नवंबर को नीरज जैन से ही अजमेर के बारे में जानकारी ली।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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