पंडित दीनदयाल प्रशिक्षण महाअभियान के अन्तर्गत अजमेर शहर के भाजपा कार्यकर्ताओं का एक प्रशिक्षण शिविर 28 नवम्बर से शुरू हुआ। 30 नवम्बर तक चलने वाले इस शिविर में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिकता मंत्री अरूण चतुर्वेदी, पूर्व सांसद रासा सिंह रावत आदि प्रशिक्षण देंगे। मजे की बात यह है कि शहर के दोनों विधायक वासुदेव देवनानी और श्रीमती अनिता भदेल भी कार्यकर्ताओं को यह बताएंगी कि किस प्रकार संगठन के प्रति समर्पित भाव से काम करना चाहिए। शिविर में भले ही भाजपा के कार्यकर्ता बड़े नेताओं के उपदेश सुनें, लेकिन उन्हें अजमेर भाजपा संगठन के हालातों पर रोना आ रहा है। प्रदेशभर में जिन 5-6 जिला संगठनों के अध्यक्ष तय नहीं हुई हैं उसमें अजमेर भी शामिल है। देवनानी और भदेल की आपसी राजनीतिक जंग की वजह से अध्यक्ष का चुनाव ही नहीं हो पाया। छह मंडल अध्यक्षों के चुनाव इसलिए हो गए क्योंकि दोनों विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों के मंडल अध्यक्षों के नाम तय किए। आज उत्तर क्षेत्र के तीनों मंडल अध्यक्ष देवनानी की गोद में बैठे हैं तो दक्षिण क्षेत्र के तीनों अध्यक्ष भदेल के पल्लू में बंधे हुए हैं। अध्यक्ष का चुनाव सर्वसम्मति से हो जाए, इसके लिए प्रदेश पर्यवेक्षक हेमसिंह भडाणा ने बहुत कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। अजमेर शहर के भाजपा कार्यकर्ताओं की सबसे बड़ी समस्या यही है कि देवनानी और भदेल एक दूसरे की शक्ल तक देखना पसंद नहीं करते हैं। पहली बात तो दोनों एक साथ किसी भी समारोह में उपस्थित नहीं होते और जब कभी मजबूरी में एक साथ किसी समारोह में जाना पड़ता है तो शिष्टाचारवश नमस्कार भी नहीं करते। इसका ताजा उदाहरण अन्र्तराष्ट्रीय पुष्कर मेले का 25 नवम्बर को हुआ समापन समारोह रहा। पुष्कर के भाजपा विधायक सुरेश सिंह रावत के प्रयासों से देवनानी और भदेल ने समारोह में आने की सहमति तो दे दी, लेकिन उपस्थिति के बाद दोनों में खाई और चौड़ी हो गई। हुआ यूं कि देवनानी निर्धारित समय पर समारोह में पहुंच गए। देवनानी ने पहुंचते ही कहा कि समारोह को शुरू कर दिया जाए, लेकिन आयोजकों ने कहा कि श्रीमती भदेल आने ही वाली हैं, तब तक इंतजार कर रहे हैं। इस पर देवनानी का कहना रहा कि समारोह का मुख्य अतिथि मैं हूं इसलिए मुख्य अतिथि के आते ही समारोह शुरू हो जाना चाहिए। मजबूरी में भदेल के आने से पहले समारोह शुरू हो गया। जब भदेल पहुंचीं तो इस बात पर नाराज रहीं कि उनके आने से पहले ही समारोह कैसे शुरू हुआ।
शिविर में प्रशिक्षण ले रहे कार्यकर्ताओं के यह समझ में नहीं आ रहा कि आखिर देवनानी और भदेल आपस में झगड़ क्यों रहे हैं? सीएम वसुंधरा राजे ने देवनानी को स्कूली शिक्षा और भदेल को महिला एवं बाल विकास विभाग का स्वतंत्र प्रभार का राज्यमंत्री बना रखा है। इतना ही नहीं देवनानी को तो अपने ही जिले का प्रभारी मंत्री भी नियुक्त कर रखा है। चुनाव क्षेत्र को लेकर भी दोनों में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। श्रीमती भदेल एससी के लिए आरक्षित दक्षिण क्षेत्र में और देवनानी अपनी जाति के सिन्धी मतदाताओं वाले उत्तर क्षेत्र में चुनाव लड़ते हैं। यानि देवनानी भदेल के दक्षिणॅ में और भदेल देवनानी के उत्तर क्षेत्र में चुनाव की दावेदार नहीं हैं। प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी से लेकर राजनीतिक नियुक्ति की तलाश में भटक रहे पांच बार के पूर्व सांसद रासासिंह रावत भी कार्यकर्ताओं को ही उपदेश दे रहे हैं। यदि ये दोनों नेता भदेल और देवनानी का समझौता करा जाएं तो कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण तो अपने आप हो जाएगा। शहर के कार्यकर्ताओं की हालात इतनी खराब है कि यदि देवनानी से नमस्कार कर लिया जाए तो भदेल नाराज और भदेल से नमस्कार कर लिया जाए तो देवनानी नाराज। देवनानी और भदेल दोनों के पास एक दूसरे के व्यवहार को लेकर इतनी शिकायतें हैं कि एक हजार पृष्ठ की पुस्तक भी लिखी जा सकती है। जब तक देवनानी और भदेल में समझौता नहीं होगा तब तक कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण कोई मायने नहीं रखता है।
कोठी पर हो रहा है प्रशिक्षण:
भाजपा कार्यकर्ताओं का तीन दिवसीय प्रशिक्षण अजमेर में ऐतिहासिक आनासागर के किनारे स्थित होटल मेरवाड़ा स्टेट (भागचन्द की कोठी) पर हो रहा है। कार्यकर्ताओं के लिए यह सुखद बात है कि तीन दिनों तक खाने-पीने की मौज रहेगी।
(एस.पी. मित्तल)
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