Monday 10 August 2015

कहां है कांग्रेस-भाजपा का घोषणा-पत्र। अजमेर में निगम चुनाव 17 को है।

अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अजमेर में नगर निगम के चुनाव 17 अगस्त को होने हैं। यानि अब मतदान में मात्र 6 दिन शेष रह गए हैं, लेकिन इसे अफसोसजनक ही कहा जाएगा कि अभी तक भी दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने चुनाव का घोषणा-पत्र जारी नहीं किया है। पहले बात भाजपा की। इस समय राज्य और केन्द्र में भाजपा की सरकार है, इसलिए भाजपा को कम से कम यह तो बताना ही चाहिए कि निगम में भाजपा का बोर्ड बनता है तो नागरिकों को क्या सुविधाएं मिलेंगी। आमतौर पर घोषणा-पत्र में बताया जाता है कि उनके पार्षद क्या-क्या काम करेंगे। भाजपा का घोषणा पत्र इसलिए भी मायने रखता है, क्योंकि केन्द्र और राज्य सरकार की पहल पर अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाया जाना है। नरेन्द्र मोदी ने पीएम की शपथ लेने के बाद ही अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा कर दी थी। इसको लेकर सरकारी स्तर पर प्रचार भी बहुत हुआ, लेकिन अब भाजपा के बड़े नेताओं ने चुनाव के दौरान स्मार्ट सिटी पर चुप्पी साध रखी है। भाजपा का कोई भी नेता यह बताने की स्थिति में नहीं है कि स्मार्ट सिटी का मामला कहां तक पहुंचा। गत बार नगर निगम के मेयर के चुनाव में सिधी प्रणाली से कांग्रेस के कमल बाकोलिया की जीत हुई थी, लेकिन अब राज्य में पौने दो वर्ष से भाजपा का शासन है फिर भाजपा के नेता यह बताने की स्थिति में नहीं हैं कि पौने दो वर्ष में राज्य सरकार से अजमेर को क्या मिला। समस्याएं ज्यों की त्यों बनी हुई हैं। भाजपा घोषणा-पत्र जारी करती तो पता चलता कि क्या हुआ और क्या होगा।
कांग्रेस का हाल तो भाजपा से भी बुरा है। कांग्रेस को कम से कम यह तो बताना ही चाहिए कि उसके मेयर की पांच वर्ष की उपलब्धियां क्या-क्या हैं। शायद कांग्रेसी भी मानते हैं कि उनके मेयर की कोई उपलब्धि नहीं हैं, इसलिए घोषणा-पत्र जारी करने से बच रहे हैं। कांग्रेसियों का तो अंदाजा है कि चुनाव में मेयर बाकोलिया की कार्यप्रणाली ही आड़े आ रही है। सामान्य काम-काज तो दूर पूरे पांच वर्ष कमेटियों का गठन तक नहीं हो सका। साधारण सभा भी बड़ी मुश्किलों से हुईं। जो भी थोड़ा बहुत विकास हुआ वह सब केन्द्र सरकार की जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीनीकरण योजना के अन्तर्गत हुआ है। कायदे से  वार्ड चुनाव में मेयर की भूमिका होनी चाहिए, लेकिन प्रचार के दौरान मेयर की कोई सक्रिय भूमिका नहीं है और न ही कांग्रेस के उम्मीदवार अपने वार्ड में बाकोलिया को प्रचार के लिए बुला रहे हैं। उत्तर विधानसभा क्षेत्र के 28 वार्डो का जिम्मा शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता ने संभाल रखा है, लेकिन अपने वार्डों से बाकोलिया को दूर ही रखा है। इसी प्रकार दक्षिण क्षेत्र के 32 वार्डो का जिम्मा संभाल रहे हेमन्त भाटी भी बाकोलिया को अपने वार्डों में बुलाने में कोई रूचि नहीं दिखा रहे हैं। किसी बड़े नेता के आगमन पर बाकोलिया स्वयं पहुंच जाएं तो बात अलग है। कांग्रेस के उम्मीदवार तो अपने बूते ही प्रचार में लगे हुए हैं।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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