Monday 3 August 2015

सीएम वसुंधरा राजे के लिए हुआ महामृत्युंजय जप। पुष्कर के मंदिर में रुद्राभिषेक भी हुआ।


(spmittal.blogspot.in)

राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे के इस्तीफे की मांग को लेकर 3 अगस्त भी कांग्रेस और विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद को नहीं चलने दिया। संसद गत 21 जुलाई से ही ठप पड़ी हुई है। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने 3 अगस्त को भी दोहराया कि यदि संसद को चलवाना है तो सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे से इस्तीफा दिलवाओं। इस्तीफे के दबाव के माहौल में ही 3 अगस्त को हिन्दुओं के तीर्थ स्थल पुष्कर में वसुंधरा राजे के लिए महामृत्युंजय जप किया गया। यह जप पुष्कर के ऐतिहासिक अटमटेश्वर महादेव मंदिर में ज्योतिषाचार्य पंडित कैलाश नाथ दाधीच ने किया। जप में पुष्कर के भाजपा विधायक सुरेश सिंह रावत, नगर पालिका के अध्यक्ष कमल पाठक, उपाध्यक्ष मुकेश कुमावत आदि भी उपस्थित थे। जप की समाप्ति के बाद पंडित दाधीच ने कहा कि यह धार्मिक अनुष्ठान वसुंधरा राजे की दीर्घायु उज्ज्वल भविष्य, संकटों के निराकरण और प्रदेश की खुशहाली के लिए किया गया।
रुद्राभिषेक भी
सावन माह के पहले सोमवार को अटमटेश्वर महादेव मंदिर में सीएम राजे की ओर से रुद्राभिषेक का भी आयोजन हुआ। देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त गिरीश बच्चानी ने बताया कि इस धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन सीएम राजे के दिशा-निर्देश पर हुआ है। ऐसा आयोजन सावन माह के चारों सोमवार को होगा। आयोजन का उद्देश्य प्रदेश में खुशहाली के लिए है। रुद्राभिषेक पंडित सत्यनारायण शर्मा के सान्निध्य में हुआ। इस अवसर पर भाजपा के जिलाध्यक्ष बी.पी.सारस्वत ने खासतौर से भाग लिया।
पार्षद नाराज
मुख्यमंत्री के निर्देश पर देवस्थान विभाग द्वारा आयोजित रुद्राभिषेक के आयोजन में भाजपा के पार्षदों को आमंत्रित नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई है। पार्षद ओम प्रकाश पाराशर का कहना रहा कि साथी पार्षद शिवस्वरूप महर्षि, मीना पाराशर, विष्णुसेन, जीवण महावर, सुखराम मट्टू आदि को बुलाया ही नहीं गया। उन्होंने कहा कि पार्षद को आमंत्रित करने की जिम्मेदारी विधायक रावत व पालिकाध्यक्ष पाठक की भी थी। उन्होंने कहा कि खुशहाली के लिए धार्मिक अनुष्ठान हो रहा है तो जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए था।
मंदिर का धार्मिक महत्त्व
3 अगस्त को सीएम राजे की लम्बी उम्र के लिए जिस मंदिर में महामृत्युंजय जप और प्रदेश की खुशहाली के लिए रुद्राभिषेक हुआ, उस अटमटेश्वर महादेव मंदिर का धार्मिक दृष्टि से खास महत्त्व है। मान्यता है कि इस मंदिर के शिवलिंग की स्थापना स्वयं ब्रह्मा जी ने की थी।
(एस.पी. मित्तल)M-09829071511

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