Monday 24 August 2015

मसाणियां भैरव धाम के उपासक चम्पालाल महाराज के सानिध्य में धर्मेन्द्र गहलोत ने मेयर और संपत सांखला ने डिप्टी मेयर का पद संभाला।

24 अगस्त को अजमेर नगर निगम में राजनीति और धर्म का जोरदार तालमेल देखने को मिला। धर्मेन्द्र गहलोत ने मेयर और संपत सांखला ने जब डिप्टी मेयर का पद संभाला, तब राजनीति के दिग्गजों के साथ-साथ निकटवर्ती राजगढ़ गांव स्थित मसाणियां भैरव धाम के उपासक चम्पालाल महाराज भी उपस्थित थे। महाराज ने दोनों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि अब सब लोगों को मिलकर अजमेर का विकास करना चाहिए। नवनिर्वाचित मेयर गहलोत ने महाराज की कुर्सी भी अपनी कुर्सी के पास लगाई। जैसे ही मेयर के चार्ज लेने के कागजों पर हस्ताक्षर किए, वैसे ही सबसे पहले गहलोत ने महाराज के चरण स्पर्श किए। महाराज ने अपने हाथों से मिठाई स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी को दी और कहा कि इस मिठाई को महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिता भदेल को खिलाओ। देवनानी ने तत्काल ही अपने पास खड़ीं श्रीमती भदेल को अपने हाथों से मिठाई खिलाई। इसी प्रकार महाराज के आदेश पर श्रीमती भदेल ने अपने हाथों से देवनानी को मिठाई खिलाई। महाराज ने दोनों मंत्रियों से कहा कि अब वे अपने मनों में कोई मैल नहीं रखें। चुनाव की राजनीति खत्म हो चुकी हंै। अब अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाया जाना चाहिए। यहां यह उल्लेखनीय हैं कि देवनानी और भदेल में राजनीतिक प्रतिद्धंदिता हैं और मेयर के चुनाव में तो और ज्यादा बढ़ गई हंै। पदग्रहण के अवसर पर भाजपा के राज्यसभा सांसद रामनारायण डूडी, प्रदेश प्रभारी बीरम देव सिंह, शहर जिला अध्यक्ष अरविंद यादव के साथ- साथ नवनिर्वाचित पार्षद भी थे।
मसाणियां भैरव धाम के आशीर्वाद से ही बने मेयर :
गहलोत मसाणियां भैरव धाम के उपासक चम्पालाल महाराज के आशीर्वाद से ही मेयर बने हैं। गत 21 अगस्त को जब मेयर का चुनाव हुआ तब गहलोत और प्रतिद्धंदी उम्मीदवार सुरेन्द्र सिंह शेखावत को 30-30 मत प्राप्त हुए, लेकिन जब तकदीर की पर्ची निकाली गई तो धर्मेन्द्र गहलोत मेयर बनें। हालाकि प्रतिद्धंदी उम्मीदवार शेखावत का आरोप रहा कि पहली बार पर्ची उनके नाम की निकली थी लेकिन सत्ता के दबाव की वजह से दूसरी बार पर्ची निकाली गई जिसमें गहलोत को मेयर घोषित किया गया। मेयर के चुनाव के दिन गहलोत की पत्नी श्रीमती हेमा गहलोत भी निगम परिसर में ही उपस्थित रहीं। गहलोत की घोषणा के बाद श्रीमती गहलोत ने कहा कि उन्होंने सुबह से जल की एक बूंद भी ग्रहण नहीं की हैं और अब वे सीधे निकटवर्ती राजगढ़ गांव में स्थित मसाणियां भैरव धाम पर जाएंगी और उपासक चम्पालाल जी महाराज के हाथों से ही जल ग्रहण करेंगी। श्रीमती गहलोत ने कहा कि चम्पालाल जी के आशीर्वाद से ही मेरे पति मेयर बनें हैं। धर्मेन्द्र गहलोत जिन विपरित परिस्थतियों में मेयर बने उसे चमत्कार ही कहा जाएगा।
आदेश की होगी समीक्षा
मेयर का पद संभालने के बाद गहलोत ने कहा कि हाईकोर्ट ने हाल ही में 490 अवैध कॉम्प्लेक्सों को तोडऩे अथवा सीज करने का जो आदेश दिया है, उसकी समीक्षा कराई जाएगी। यह भी देखा जाएगा कि इस आदेश में आनासागर के भराव क्षेत्र में अतिक्रमणों को कैसे शामिल किया गया। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील भी की जा सकती है। गहलोत ने कहा कि मैं ऐसा कोई काम नहीं करुंगा, जिससे शहरवासियों को परेशानी होती हो। साधारणसभा से लेकर भू-रूपांतरण तक की बैठकें निर्धारित अवधि में आयोजित की जाएगी। सरलता और पारदर्शिता के साथ नक्शें स्वीकृत किए जाएंगे ताकि अवैध निर्माण नहीं हो।
विजयी जुलूस निकाला :
पद ग्रहण करने के बाद नवनिर्वाचित मेयर, डिप्टी मेयर और पार्षदों ने विजयी जुलूस निकाला। यह जुलूस नगर निगम से आरम्भ होकर शहर के विभिन्न मार्गो से निकला। जुलूस में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहें।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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