Thursday 6 August 2015

याकूब के समर्थकों को आतंकी नावेद की पैरवी अभी से शुरू कर देनी चाहिए

मुंबई हमले के आरोपी याकूब मेनन को जब फांसी दी गई थी, तब स्वयं को देश के सबसे बड़े बुद्धिजीवी समझने वाले चालीस से भी ज्यादा भारतीयों ने राष्ट्रपति को पत्र लिख कर याकूब की सजा को माफ करने की अपील की थी। ऐसे सभी बुद्धिजीवियों को चाहिए, वे 5 अगस्त को पकड़े गए पाक आतंकी नावेद की पैरवी अभी से शुरू कर दें। क्योंकि भारत में जो न्याय व्यवस्था है, उसमें नावेद को जिला न्यायालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट और फिर राज्यपाल, राष्ट्रपति आदि तक लड़ाई लडऩी है। यह वहीं नावेद है जो पाकिस्तान में प्रशिक्षित होकर भारत के कश्मीर में घुसा था। नावेद ने बीएसफ के दो जवानों की तो हत्या कर दी थी। यदि बीएसएफ की बस पर कब्जा करने में नावेद कामयाब हो जाता तो न जाने कितने जवानों की हत्या कर देता। जवानों से भरी बस में मात्र एक जवान रॉकी के पास ही बंदूक थी। रॉकी की दिलेरी से ही नावेद का एक साथी मारा गया, जबकि नावेद को ग्रामीणों की मदद से जिंदा पकड़ा जा सका। हालांकि इस आतंकी हमले में रॉकी शहीद हो गया। अब गिरफ्तारी के बाद नावेद ने कहा है कि उसे हिन्दुओं की हत्या करने में मजा आता है। उसके निशाने पर अमरनाथ यात्रा पर जाने वालेे श्रद्धालु ही थे। वह पाकिस्तान से खाली हाथ आया था, लेकिन कश्मीर में उसे हथियार उपलब्ध करवाए। नावेद के चेहरे से साफ जाहिर हो रहा था कि उसे कोई भय अथवा अफसोस नहीं है। देखना है कि अब नावेद की पैरवी के लिए कौन-कौन से बुद्धिजीवी साथ आते हैं।
नुमाईश क्यों :
दुनिया में भारत ही एक मात्र देश होगा जहां आतंकी को पकड़े जाने के बाद कैमरों के सामने पेश किया जाता है। नावेद की गिरफ्तारी के बाद जिस तरह उसके इंटरव्यू प्रसारित हुए, वह वाकई खतरनाक है। क्या किसी आतंकी का इंटरव्यू इस तरह टीवी चैनलों पर दिखाया जाना चाहिए? कोई माने या नहीं लेकिन नावेद के इंटरव्यू ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की पोल खोल कर रख दी है। सवाल उठता है कि इसी तरह कश्मीर में आतंकवाद से निपटा जा रहा है? अभी हाल में पंजाब के एक पुलिस स्टेशन पर जो हमला हुआ था उसके आतंकियों को जिंदा पकडऩे के लिए लम्बा ऑपरेशन किया गया, लेकिन लाख कोशिश के बाद भी एक भी आतंकी को जिंदा नहीं पकड़ा जा सका। अब जब आतंकी को जिंदा पकड़ लिया गया तो उसकी सरेआम नुमाईश की जा रही है।
दिल्ली-मुंबई को हिरोशिमा-नागासाकी बनाने की धमकी :
भारत के जो बुद्धिजीवी याकूब मेमन की पैरवी कर चुके है उन्हें पाकिस्तान की बदनाम खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व चीफ हामिद गुल की धमकी पर भी अपनी राय देनी चाहिए। हामिर गुल ने जापान पर परमाणु हमले की 70वीं सालगिरह पर 6 अगस्त को कहा कि भारत के दिल्ली और मुंबई शहरों को जापान के हिरोशिमा और नागासाकी की तरह बना दिए जाएंगे। यानि पाकिस्तान भारत पर परमाणु हमला करेगा। मालूम हो कि द्वितीय विश्व युद्ध में अमरीका ने जापान पर परमाणु हमला किया था। 6 अगस्त 1945 को हुए हमले में जापान के दोनों प्रमुख शहरों में एक लाख 80 हजार लोग मारे गए। परमाणु विस्फोट का असर आज भी है। भारतीय बुद्धिजीवी बताएं कि क्या अब भी पाक के आतंकवाद का समर्थन करते रहेंगे?
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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