Monday 17 August 2015

क्या अजमेर को मैसदर जैसा शहर बना सकते है पीएम मोदी

पीएम नरेन्द्र मोदी ने 17 अगस्त को यूएई के मैसदर शहर को देखा। मैसदर शहर दुनिया के आधुनिकतम शहरों में से एक है। हम सब जानते हैं कि मोदी ने भारत में भी 100 स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की है। देश के जिन तीन प्रमुख शहरों को विदेशी सहयोग से स्मार्ट बनाया जाना है, उसमें अजेमर भी शामिल हैं। इसलिए यह सवाल उठता है कि क्या पीएम मोदी अजमेर को मैसदर जैसा शहर बना देंगे? जिस अजमेर शहर की सड़कों पर बड़े-बड़े खढ्ढे और जगह-जगह कचरों के ढेर लगे हुए हैं, वहीं मैसदर शहर में मोदी ने कचरे के नाम पर तिनका तक नहीं देखा और सड़कें तो ऐसी जैसे एयरपोर्ट का रनवे हो। अजमेर में भले ही सिटी बस और टैम्पो के वाहनों से दिनभर काला धुंआ निकलता हो, वहीं मैसदर में कोई भी वाहन डीजल और पेट्रोल से नहीं चलते है। मैसदर में सभी वाहन बेट्री से चलते हैं और अधिकांश लोग साइकिल का उपयोग करते हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नियमों के तहत चलने वाली टैक्सियों में ड्राइवर भी नहीं होता है। रेगिस्तान में बने मैसदर शहर के भवनों में ठंडक के लिए प्राकृतिक हवा का उपयोग इस तरह किया गया है, जिसमें एसी की जरुरत नहीं हो। मैसदर शहर अभी निर्माणधीन है। मोदी ने 17 अगस्त को अपने दौरे में कहा कि पूरा शहर बस जाने के बाद मैं इसे देखने एक बार फिर आऊंगा। संभवता: मोदी ने जब यह बात कही तब उनके जहन में अजमेर शहर भी होगा, जिसे अमरीका के सहयोग से स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है, लेकिन इसके साथ ही यह सवाल उठता है कि क्या अजमेर के नागरिक मैसदर के नागरिकों की तरह हैं? कोई शहर भले ही कितना भी स्मार्ट बन जाए, लेकिन लोगों को भी अपने दायित्वों को निभाना पड़ता है। देखना है कि पीएम मोदी मैसदर की तरह अजमेर को भी स्मार्ट बनने का काम कब से शुरू करते हैं।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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