Monday 24 August 2015

क्या साध्वी राकेश कुमारी का निधन भी संथारा ग्रहण के बाद हुआ।

धूमधाम से निकाली महाप्रयाण यात्रा
24 अगस्त को जब देश भर के जैन   समाज के लोगों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रख कर जुलूस निकाले, तभी अजमेर में श्वेताम्बर जैन समाज की 90 वर्षीय साध्वी राकेश कुमारी की महाप्रयाण यात्रा धूमधाम से निकाली गई। जैन समाज में आमतौर पर ऐसी महाप्रयाण यात्रा संथारा ग्रहण करने के बाद देवलोक जाने पर निकाली जाती है। एक तरह से इस अवसर पर मृत्यु का उत्सव मनाया जाता है। इसीलिए महाप्रयाण यात्रा में बैंडबाजे और जैन समाज के सैकड़ों स्त्री-पुरुष शामिल होते हैं। देवलोक जाने वाले साधु अथवा साध्वी को इस प्रकार बैठाया जाता है, जैसे अभी भी प्राण हों। राकेश कुमारी को भी एक वाहन में ऊंचे स्थान पर बैठाया गया। महाप्रयाण यात्रा के आयोजकों ने राकेश कुमारी के संथारा ग्रहण करने से इंकार किया, लेकिन यह माना कि साध्वी राकेश कुमारी पिछले कई दिनों से बेहोश थीं और 24 अगस्त को उनकी सामान्य मृत्यु हो गई। राकेश कुमारी चूरू जिले की रहने वाली हैं और श्वेताम्बर सम्प्रदाय के प्रमुख आचार्य महाश्रमण की शिष्या हैं। जैन समाज के प्रतिनिधियों के अनुसार बीमारी के दिनों में साध्वी का इलाज जैन धर्म की परंपरा के अनुसार किया जा रहा था।
ऐतिहासिक जुलूस
संथारा प्रथा पर रोक के विरोध में 24 समाज की ओर से विशाल मौन जुलूस निकाला गया। हाईकोर्ट की रोक के आदेश के विरोध में जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया गया।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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