सलाहकार (हृस््र) स्तर की बैठक को इसलिए रद्द किया था कि पाकिस्तान भारत की सरजमीं पर ही अपमानित करने का प्रयास कर रहा था। पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज दिल्ली आकर पाकिस्तान के दूतावास में कश्मीर के अलगाववादियों से मिलने की जिद्द कर रहे थे। इस जिद्द को पूरी करने में पाक राजदूत अब्दुल बासित की खास भूमिका थी, लेकिन भारत ने बैठक को रद्द कर बासित की जिद्द को पूरा नहीं होने दिया। लेकिन इसे दुर्भाग्य पूर्ण कहा जाएगा कि बासित की जिद्द को एक न्यूज चैनल ने पूरा कर दिया। चैनल के प्रेस कॉन्फ्रेंस नाम के कार्यक्रम में बासित का एक घंटे का इन्टरव्यू प्रसारित किया गया। न्यूज चैनल अपनी पीठ थपथपा रहा है कि उसने पाक राजदूत का इन्टरव्यू ले लिया, लेकिन हकीकत यह है कि बासित ने अपनी जिद्द को पूरा किया है। बासित ने भारत को अपमानित करने की कोई कसर इस इन्टरव्यू में नहीं छोड़ी। गंभीर सवालों का जवाब बासित ने जिस प्रकार हंसते हुए दिया उससे साफ लग रहा था कि बासित हमारे ही देश में हमारा ही अपमान कर रहे हंै। बासित को इस बात का गर्व हो रहा होगा कि जो मौका भारत सरकार ने नहीं दिया वह मौका भारत के एक न्यूज चैनल ने दे दिया। बासित ने अपने इंटरव्यू में न केवल कश्मीर का मुद्दा उठाया, बल्कि साफ कर दिया कि भारत में आंतकवाद से पाकिस्तान का कोई संबंध नहीं है। इतना ही नहीं भारत के खिलाफ पाकिस्तान में बैठकर जहर उगलने वाले हाफिज सईद का भी बचाव किया। चैनल के मालिक और संपादक कह सकते हंै कि भारत में लोकतंत्र और धर्म निरपेक्षता है, इसलिए दुश्मन देश के राजदूत का इंटरव्यू प्रसारित किया जा सकता है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान में भारत के राजदूत का एक घंटे का इंटरव्यू पाकिस्तान में प्रसारित किया जा सकता है? क्या पाकिस्तान का जीओ टीवी भारत के राजदूत का इंटरव्यू लेने और फिर प्रसारित करने की हिम्मत दिखा सकता है? धर्म निरपेक्षतावादी माने या नहीं यदि भारत के राजदूत का पाकिस्तान के किसी चैनल पर इंटरव्यू प्रसारित हो जाए तो उस न्यूज चैनल का नामोनिशान मिट सकता है। पहली बात तो इंटरव्यू लेना ही मुश्किल है और यदि इंटरव्यू ले भी लिया तो हमारे राजदूत को अपनी बात रखने का अवसर ही नहीं मिलेगा। क्या पाकिस्तान की सरजमीं पर खड़ा होकर कोई भारतीय पाकिस्तान को आतंकवादी देश कह सकता है? क्या यह कहा जा सकता है कि दुनिया का मोस्ट वॉन्टेड दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में बैठा है। जब कोई भारतीय राजनायिक पाकिस्तान में भारत का पक्ष नहीं रख सकता है तो हमारे चैनल पाकिस्तान के राजदूत को भारत के खिलाफ बोलने का अवसर क्यों दे रहे हैं और वो भी तब जब भारत ने एनएसए स्तर की बैठक को रद्द कर दिया। इसे शर्मनाक ही कहा जाएगा कि अब्दुल बासित के इंटरव्यू के बीच में हाफिज सईद का बयान भी दिखाया गया, जिसमें साफ कहा गया कि कश्मीर में अलगाववादियों को पाकिस्तान का समर्थन मिलता रहा है और मिलता रहेगा। यानि चैनल ने भारत को अपमानित करने की कोई कसर नहीं छोड़ी। हम सब जानते हैं कि आज हमारे कश्मीर के हालात बद से बदत्तर हो गए हैं। खंूंखार आतंकी संगठन आईएस के झंडे कश्मीर में सरेआम लहराए जा रहे हैं। अच्छा होता हमारे न्यूज चैनल कश्मीर में सद्भावना का माहौल बनाने के लिए इंटरव्यू प्रसारित करते।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511
Monday, 7 September 2015
पाकिस्तान का प्रवक्ता क्यों बन रहा है न्यूज चैनल भारत ने पाकिस्तान के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा
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