Friday 25 September 2015

क्या आनंदपाल के मामले में अजमेर पुलिस के एक अफसर ने डीजी को गोपनीय पत्र लिखा है। कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह की फरारी के बाद अभी तक भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा है, लेकिन फरारी को लेकर अजमेर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने डीजी मनोज भट्ट को जो गोपनीय पत्र लिखा है उसकी चर्चा पुलिस के उच्च स्तर पर खूब हो रही है। जानकारों की मानें तो इस पत्र में आनंदपाल की फरारी के बाद हुए घटनाक्रम के बारे में डीजी को अवगत करवाया गया है। अधिकारी ने यह पत्र बेहद ही दु:खी मन से लिखा है इसलिए पत्र के अंत में हाथ जोड़कर निवेदन किया गया है कि उसका स्थानान्तरण अजमेर से अन्यंत्र कर दिया जाए। बताया जाता है कि इस पत्र के मिलने के बाद डीजी भट्ट ने टेलीफोन पर पीडि़त अधिकारी से बात की है। भट्ट ने हिम्मत बंधाते हुए अधिकारी ने कहा है कि पुलिस अफसर को कई बार विपरीत परिस्थितियों में ड्यूटी देनी होती है। इस अधिकारी ने मौखिक तौर पर अजमेर पुलिस से जुड़े बड़े अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी प्रकट की है। डीजी को पत्र लिखने के बाद संबंधित अधिकारी बहुत कम दफ्तर आ रहे हैं। जनप्रतिनिधि भी नाराज: अजमेर पुलिस के कामकाज से जिले के जन प्रतिनिधि भी नाराज हैं। जिले के मंत्रियों और भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी पुलिस की गतिविधियों से अवगत कराया है। मुख्यमंत्री को बताया गया कि पुलिस के आला अधिकारी, मंत्रियों व विधायकों का भी सम्मान नहीं करते हैं। जनप्रतिनिधि होने के नाते जनता की समस्याओं के निदान के लिए फोन किया जाता है तो सीधे मुंह बात नहीं की जाती। इससे विधायकों की छवि अपने निर्वाचन क्षेत्र में खराब हो रही है। मुख्यमंत्री को यह भी बताया गया कि जिलेभर में अपराध की कोई रोकथाम नहीं हुई है। बात सिर्फ आनंदपाल की फरारी की नहीं है बल्कि रोजाना हो रही चोरी, चैन स्नेचिंग, ठगी और अन्य अपराधों की भी है। (एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511


क्या आनंदपाल के मामले में अजमेर पुलिस के एक अफसर ने डीजी को गोपनीय पत्र लिखा है।
कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह की फरारी के बाद अभी तक भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा है, लेकिन फरारी को लेकर अजमेर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने डीजी मनोज भट्ट को जो गोपनीय पत्र लिखा है उसकी चर्चा पुलिस के उच्च स्तर पर खूब हो रही है। जानकारों की मानें तो इस पत्र में आनंदपाल की फरारी के बाद हुए घटनाक्रम के बारे में डीजी को अवगत करवाया गया है। अधिकारी ने यह पत्र बेहद ही दु:खी मन से लिखा है इसलिए पत्र के अंत में हाथ जोड़कर निवेदन किया गया है कि उसका स्थानान्तरण अजमेर से अन्यंत्र कर दिया जाए। बताया जाता है कि इस पत्र के मिलने के बाद डीजी भट्ट ने टेलीफोन पर पीडि़त अधिकारी से बात की है। भट्ट ने हिम्मत बंधाते हुए अधिकारी ने कहा है कि पुलिस अफसर को कई बार विपरीत परिस्थितियों में ड्यूटी देनी होती है। इस अधिकारी ने मौखिक तौर पर अजमेर पुलिस से जुड़े बड़े अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी प्रकट की है। डीजी को पत्र लिखने के बाद संबंधित अधिकारी बहुत कम दफ्तर आ रहे हैं।
जनप्रतिनिधि भी नाराज:
अजमेर पुलिस के कामकाज से जिले के जन प्रतिनिधि भी नाराज हैं। जिले के मंत्रियों और भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी पुलिस की गतिविधियों से अवगत कराया है। मुख्यमंत्री को बताया गया कि पुलिस के आला अधिकारी, मंत्रियों व विधायकों का भी सम्मान नहीं करते हैं। जनप्रतिनिधि होने के नाते जनता की समस्याओं के निदान के लिए फोन किया जाता है तो सीधे मुंह बात नहीं की जाती। इससे विधायकों की छवि अपने निर्वाचन क्षेत्र में खराब हो रही है। मुख्यमंत्री को यह भी बताया गया कि जिलेभर में अपराध की कोई रोकथाम नहीं हुई है। बात सिर्फ आनंदपाल की फरारी की नहीं है बल्कि रोजाना हो रही चोरी, चैन स्नेचिंग, ठगी और अन्य अपराधों की भी है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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