Wednesday 11 July 2018

यात्रियों से इंश्योरंेस के 2 रुपए तो वसूले जाते हैं, लेकिन किसी कंपनी से अनुबंध नहीं।

यात्रियों से इंश्योरंेस के 2 रुपए तो वसूले जाते हैं, लेकिन किसी कंपनी से अनुबंध नहीं। अनुबंधित बसों के मृतकों व घायलों के परिजन को तो रोडवेज मुआवजा भी नहीं देता। यह तो सरासर लूट है। आखिर परिवहन मंत्री यूनुस खान क्या कर रहे हैं।
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माना तो यही जाता है कि सरकार में ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ काम होता है। लेकिन गत 9 जुलाई को अजमेर के निकट तबीजी में रोडवेज बस और डंपर की भिड़ंत में जो 8 यात्रियों की मौत हुई, इस हादसे से राजस्थान रोडवेेज में हो रही खुली लूट का भी पता चला है। 25 किलोमीटर से अधिक के टिकिट पर प्रत्येक यात्री से रोडवेज 2 रुपए बीमा शुल्क वसूलता है। एक अनुमान के मुताबिक रोडवेज की बसों में रोजाना 8 लाख यात्री सफर करते हैं। यानि रोडवेज को इंश्योरेंस की राशि से रोजाना 16 लाख रुपए की आय होती है। लेकिन रोडवेज प्रशासन ने किसी भी इंश्योरेंस कंपनी से अनुबंध नहीं कर रखा है। रोडवेज अपने स्तर पर ही एमएसीटी कोर्ट के आदेश से मुआवजा राशि दे देता है। यह सवाल अपने आप में महत्वपूर्ण है कि रोडवेज ने किसी इंश्योरेंस कंपनी से अनुबंध क्यों नहीं कर राखा है? गंभीर बात तो यह है कि अनुबंधित बस के मृतकों एवं घायलों के परिजन को तो रोडवेज प्रशासन मुआवजा भी नहीं देता। मुआवजा राशि के भुगतान की जिम्मेदारी अनुबंधित बस के मालिक पर डाली जाती है। यहां यह सवाल भी उठता है कि अब अनुबंधित बस के मालिक से ही दुर्घटना मुआवजा लिया जाना है तो फिर अनुबंधित बस के यात्रियों से रोडवेज प्रशासन 2 रुपए इंश्योरंेंस के क्यों वसूलता है? यह तो सरासर लूट मानी जाएगी। इस लूट के बारे में परिवहन मंत्री यूनुस खान को अच्छी तरह पता है, लेकिन उनकी चुप्पी कई सवाल खड़े करती है।
अनुबंध से शामिल की 400 बसेः
जानकारों की माने तो परिवहन मंत्री के दबाव से ही रोडवेज के बेड़े में 400 बसों को अनुबंध के आधार पर शामिल किया गया है। चूंकि सब काम मिली भगत का था, इसलिए राजस्थान से बाहर के लोगों की बसें भी शामिल कर ली गई। तबीजी हादसे में जो अनुबंधित बस टकराई उसका मालिक पंजाब का बताया जा रहा है। तबीजी हादसे में अभी तक भी डंपर का असली मालिक पकड़ में नहीं आया है। पुलिस सिर्फ डंपर चालक किशन सिंह रावत को ही गिरफ्तार करने में सफल हुई है। यानि न तो डम्पर और न बस का मालिक पकड़ा जा सका। इस पूरे हादसे में रोडवेज में चल रही घालमेल उजागर हुई है। परिवहन मंत्री यूनुस खान को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का सबसे भरोसेमंद मंत्री माना जाता है। यही वजह है कि खान को परिवहन के साथ-साथ पीडब्ल्यूडी विभाग भी दे रखा है। सरकार में इन दोनों विभागों को सबसे ज्यदा मलाईदार माना जाता है।

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