Thursday 12 July 2018

अशोक परनामी के हटने से जयपुर के मेयर लाहोटी पर संकट गहराया।

अशोक परनामी के हटने से जयपुर के मेयर लाहोटी पर संकट गहराया। कांग्रेस के पार्षदों का हंगामा भाजपा के इशारे पर।
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12 जुलाई को जयपुर नगर निगम की साधारण सभा में जो हंगामा हुआ उसके पीछे अशोक परनामी का राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटना भी एक कारण है। असल में पूर्व में अशोक लाहोटी ने परनामी के दम पर ही भाजपा पार्षदों में बगावत करवा कर निर्मल नहाटा को मेयर के पद से हटाया था। जानकारों की माने तो मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी लाहोटी के पक्ष में नहीं थी। लेकिन परनामी के दबाव को देखते हुए सीएम ने भी सहमति जती दी। हालांकि लाहोटी के व्यवहार से भाजपा के अधिकांश पार्षदों में नाराजगी रही कि लेकिन परनामी के दबाव की वजह से यह नाराजगी दबी रही। अब परनामी के प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटने के बाद पहली बार हुई साधारण सभा में ही लाहोटी के खिलाफ माहौल बन गया। कांग्रेस के पार्षदों के हंगामे के पीछे भाजपा के पार्षदों की शह बताई जा रही है। असल में भाजपा के नाराज पार्षद चाहते थे कि कांग्रेस की ओर से अविश्वास प्रस्ताव रखा जाए तो वे समर्थन कर देंगे। अपने पार्षदों की इस मंशा को भांपते हुए ही मेयर लाहोटी ने साधारण सभा शुरू होते ही कांग्रेस पार्षद दल के नेता धर्म सिंघानिया को बाहर निकलवा दिया। इससे जो हंगामा शुरू हुआ उसके बाद पुलिस ने कांग्रेस के पार्षदों को भी साधारण सभा में जाने नहीं दिया। कांग्रेस के पार्षदों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने महिला पार्षदों के साथ बदसलूकी की है। मेयर लाहोटी नहीं चाहते की कांग्रेस के पार्षद साधारणसभा में उपस्थित रहे। सिंघानिया का कहना रहा कि भाजपा के पार्षदों में ही बगावत हो रही है। मेयर लाहोटी ने तानाशाह पूर्ण रवैया अपना रखा है उससे पार्षदों में जबरदस्त नाराजगी है। 12 जुलाई को साधारण सभा में भाजपा के पार्षदों को भी किसी ने भी नियंत्रण नहीं किया। ऐसे में लाहोटी के खिलाफ बगावत खुलकर सामने आ गई।
अन्य निगमों पर पड़ेगा असरः
12 जुलाई को भाजपा कब्जे वाले जयपुर नगर निगम में जो कुछ भी हुआ उसका असर अजमेर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर आदि नगर निगमों पर भी पड़ेगा। असल में प्रदेश के कई निगमों के मेयर के खिलाफ भाजपा के पार्षदों में ही असंतोष व्याप्त है। कई निगमों में कांग्रेस के पार्षदों की संख्या अच्छी है और ऐसे में यदि भाजपा के पार्षदों का समर्थन मिल जाए तो प्रदेश के कई मेयर अपने पद से हट सकते हैं। जानकारों की माने तो विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने ऐसी रणनीति बनाई है जिसके अंतर्गत नगर निगम और बड़े शहरों की नगर परिषदों में भाजपा के मेयर और सभापतियों के खिलाफ माहौल बनाया जाए। 
एस.पी.मित्तल) (12-07-18)
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