Wednesday 11 July 2018

तो फिर कहां से आएगी पुलिस में ईमानदारी?

तो फिर कहां से आएगी पुलिस में ईमानदारी? कांस्टेबल परीक्षा में बेईमानी को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाओं तक को बंद करना पड़ रहा है।
======


जब राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल बनने वाले युवा परीक्षा में हर हाल में बेईमान करने पर आमादा है तो फिर पुलिस में ईमानदारी कहां से आएगी? जब परीक्षा ही चोरी चकारी से पास करना चाहते हैं तो कांस्टेबल बनने पर ईमानदारी से कैसे काम करेंगे? यही कांस्टेबल आगे चल कर थानाधिकारी भी बनेंगे। अंदाजा लगाया जा सकता है कि थाना कैसे काम करेगा। राजस्थान में 13 हजार 142 पदों के लिए कांस्टेबल की लिखित परीक्षा 14 व 15 जुलाई को दो-दो पारियों में होनी है। 15 लाख से भी ज्यादा अभ्यर्थियों के लिए प्रदेशभर में 664 परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं। पुलिस के आला अधिकारियों को आशंका है कि कांस्टेबल बनने वाले अभ्यर्थी किसी न किसी तरह बेईमानी करेंगे। इसलिए परीक्षा केन्द्रों पर साढ़े तीन हजार से भी ज्यादा पुलिस कर्मी तैनात किए हैं, लेकिन अफसरों को अपने ही पुलिस कर्मियों पर भरोसा नहीं है। इसलिए प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं। जिनकी निगरानी का कार्य डीएसपी स्तर के अधिकारी करेंगे। इतना ही नहीं परीक्षा के समय केन्द्र के 5 किलोमीटर के दायरे में इंटरनेट सेवाएं भी बंद रहेंगी। ताकि कोई परीक्षार्थी मोबाइल, ब्ल्यू टूथ आदि उपकरणों से नकल नहीं कर सके। यानि बेईमानी को रोकने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही हैं, लेकिन फिर भी दावे के साथ नहीं कहा जा सकता कि परीक्षा में बेईमान नहीं होगी। सवाल इंटरनेट आदि बंद करने का नहीं है सवाल है पुलिस में ईमानदारी का। चाहे चोर को पकड़ना हो या फिर किसी धोखेबाज को। पीड़ित व्यक्ति पुलिस के पास ही जाता है। ऐसे में पुलिस का ईमानदार होना जरूरी है, लेकिन राजस्थान में बुनियाद ही बेईमानी पर टिकी होना नजर आ रही है। वैसे ही पुलिस महकमा बदनाम है, लेकिन अब जिस तरह से परीक्षा ली जा रही है उससे आम लोगों की आशंका यकीन में बदल गई है। 
समाज की भी स्थितिः
जो 15 लाख अभ्यर्थी कांस्टेबल परीक्षा दे रहे हैं वे इसी समाज के हैं। हमें इस पर भी विचार करना चाहिए कि आखिर पुलिस महकमें को बेईमानी रोकने के लिए इतने उपाय क्यों करने पड़ रहे हैं। क्या समाज का युवा कांस्टेबल की परीक्षा भी ईमानदारी के साथ नहीं दे सकता? क्या इतनी ईमानदारी दिखाने के लिए प्रवचन देने वाले धर्मगुरुओं को पहल नहीं करनी चाहिए?
पहले भी हो चुकी है परीक्षा रद्दः
कांस्टेबल परीक्षा में बेईमानी होने की वजह से पूर्व में भी इस परीक्षा को रद्द करना पड़ा था। पिछले अनुभवों और परीक्षार्थियों की बेईमानी को देखते हुए इस बार इंटरनेट सेवाओं तक को बंद करने का फैसला लिया गया है।

No comments:

Post a Comment