Friday 27 July 2018

सीएम वसुंधरा राजे की गौरवयात्रा से पहले सुराज शब्द क्यों हटाया?

सीएम वसुंधरा राजे की गौरवयात्रा से पहले सुराज शब्द क्यों हटाया? तिवाड़ी भी 19 अगस्त से शुरू करेंगे राजस्थान गौरव यात्रा।
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सब जानते हैं कि राजस्थान की सीएम धर्म-कर्म में बहुत विश्वास करती हैं, पारिवारिक काम हो या सरकार का सभी में ज्योतिष पंडित आदि विद्वानों की राय ली जाती है। मंदिरों में पूजा अर्चना करने में भी सीएम राजे कोई कसर नहीं छोड़ती, स्वाभाविक है कि नवम्बर में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सुराज गौरव यात्रा का नामकरण भी बहुत सोच समझ कर किया होगा। 25 जुलाई को ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी ने विधिवत तौर पर सीएम की यात्रा की घोषणा की, लेकिन 26 जुलाई को अचानक सीएम की यात्रा के नाम से सुराज  शब्द हटा दिया गया। पार्टी के पदाधिकारियों का कहना है कि सुराज शब्द की जगह राजस्थान शब्द रखा गया है यानि चार अगस्त से सीएम की जो चुनावी यात्रा चारभुजा से शुरू होगी उसका नाम राजस्थान गौरव यात्रा होगा। हालांकि अभी यह नहीं बताया गया है कि सुराज शब्द किस नेता के कहने से हटाया गया। असल में सीएम राजे  ने सुराज शब्द अपनी सरकार की उपलब्धियों को देखते हुए जोड़ा था। सुराज शब्द के माध्यम से सीएम यह संदेश देना चाहती है कि साढ़े चार वर्ष का उनका शासन सुराज वाला रहा है। इसलिए वह गौरव यात्रा निकाल रही है। सूत्रों की माने तो सुराज शब्द के हटने से सीएम राजे खुश नहीं है। हालांकि अभी कोई नाराजगी भी सामने नहीं आई है। असल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के पद से जिस तरह अशोक परनामी को हटाया गया उससे भी राजे खुश नहीं थीं। बाद में मदनलाल सैनी की नियुक्ति से भी राजे और  केन्द्रीय नेतृत्व में खींचतान रही। अब देखना है कि सुराज शब्द के हटने के बाद वसुंधरा राजे की राजस्थान गौरव यात्रा किस तरह से निकलती है।
तिवाड़ी का दावाः
भाजपा के असंतुष्ट विधायक और दीनदयाल वाहिनी के संस्थापक घनश्याम तिवाड़ी का आरोप है कि भाजपा ने उनकी यात्रा का नाम चुरा लिया है। भाजपा ने 26 जुलाई को राजस्थान गौरव यात्रा की घोषणा की जबकि उन्होंने तो गत माह ही अपनी राजस्थान गौरव यात्रा निकालने की घोषणा करनी थी, तय कार्यक्रम के मुताबिक उसकी यात्रा 19 अगस्त से जयपुर के सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से शुरू होगी, तिवाड़ी ने बताया कि चूंकि मेरी यात्रा का नाम पहले घोषित हो गया था, इसलिए भाजपा को अपनी यात्रा का नाम बलना चाहिए।

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