Wednesday 18 July 2018

तो क्या विपक्ष का महागठबंधन मोदी सरकार को गिरा देगा?

तो क्या विपक्ष का महागठबंधन मोदी सरकार को गिरा देगा?
अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में 20 जुलाई को बहस।
बहुमत के लिए 268 संासद। राहुल की तमन्ना पूरी होगी।
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18 जुलाई को विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा  महाजन ने सरकार के विरुद्ध रखे गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। टीडीपी के इस अविश्वास प्रस्ताव पर 20 जुलाई को लोकसभा में बहस होगी। अविश्वास प्रस्ताव मंजूर होते ही कांग्रेस की शाीर्ष नेता श्रीमती सोनिया गांधी ने कहा कि कौन कहता है हमारे पास संख्या नहीं है। यदि सोनिया गांधी को पूरा भरोसा है कि इन दिनों विपक्ष का जो महागठबंधन बना है उसमें नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार गिर जाएगी। सरकार गिरती है या नहीं, यह तो अब 20 जलुाई को लोकसभा में ही पता चलेगा, लेकिन जानकारों का मानना है कि मोदी सरकार बहुमत सिद्ध कर देगी। वर्तमान में लोकसभा में सदस्यों की संख्या के हिसाब से बहुमत के लिए 268 सांसदों की जरुरत है, जबकि भाजपा के पास 300 सांसदों का जुगाड़ है। हो सकता है कि कई दलों के सांसद मत विभाजन के समय संसद में अनुपस्थित रहें। ऐसे में बहुत के लिए 268 सांसदों से भी कम की जरुरत होगी। सूत्रों के अनुरूप टीडीपी ने गत बजट सत्र में ही अविश्वास प्रस्ताव रख दिया था, लेकिन स्वीकार नहीं किया गया। अब जब भाजपा के मैनेजर संतुष्ट हो गए तो प्रस्ताव को मानसून सत्र के पहले ही स्वीकार कर लिया। जो लोग नरेन्द्र मोदी और अमितशाह की कार्यशैली को जानते हैं, उन्हें पता है कि यदि बहुमत नहीं होता तो सुमित्रा महाजन कभी भी अविश्वास प्रस्ताव को मंजूर नहीं करतीं। जिस प्रकार बजट सत्र हंगामे में गुजर गया, उसी प्रकार मानसून सत्र भी गुजर जाएगा। सरकार की सेहत पर कोई फर्क पड़ने वाला नहीं था।
हमला करने में सफलः
जानकारों का मानना है कि अब विपक्ष लोकसभा में सरकार पर हमला करने में सफल रहेगा। 20 जुलाई को जब बहस होगी तो कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के नेता मोदी सरकार पर जम कर हमला बोलेंगे। चूंकि लोकसभा की कार्यवाही का टीवी पर सीधा प्रसारण होता है। इसलिए विपक्ष को अपनी बातें आम लोगों तक पहुंचाने का मौका मिलेगा। लेकिन वहीं मोदी और शाह की रणनीति है कि अविश्वास प्रस्ताव को मतों के इतने अंतर से गिरा दिया जाए, जिससे विपक्ष के महागठबंधन की हवा निकल जाए। बहस के माध्यम से सरकार को भी अपनी उपलब्धियां बताने का अवसर मिलेगा। विपक्ष के आरोपों का जवाब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं देंगे। वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को भी तैयार किया जा रहा है।
राहुल गांधी की तमन्ना पूरी होगी?ः
पिछले दिनों राहुल गांधी ने एक सभा में कहा था कि यदि मुझे 15 मिनट बोलने का अवसर मिले तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भाग खड़े होंगे। राहुल गांधी की यह तमन्ना अविश्वास प्रस्ताव के मौके पर लोकसभा में पूरी हो जाएगी। राहुल के भाषण के समय सदन में नरेन्द्र मोदी उपस्थित रहेंगे।

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