Saturday 7 July 2018

शहीदों को सम्मान, अल्पसंख्यकों को राहत।
ब्लाॅग पर जागी सरकार।
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यूं तो मेरे हर ब्लाॅग पर सरकार और प्रशासन का ध्यान आकर्षित होता ही है। समस्याओं का समाधान भी हो जाता है। मैं यहां 4 जुलाई और 6 जुलाई को लिखे ब्लाॅग का उल्लेख इसलिए कर रहा हूं कि ताकि जरुरतमंद लोगों को राहत मिल सके। 6 जुलाई को मैंने अपने एक ब्लाॅग में अल्पसंख्यकों के प्रमाण पत्र का मुद्दा उठाया था। अफरोज नाज नामक बालिका का आवेदन फार्म सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि जरुरतमंदों को अल्पसंख्यक होने का प्रमाण नहीं मिल रहा है। 7 जुलाई को मुझे अजमेर के जिला अल्पसंख्यक अधिकारी यूडी खान ने बताया कि अजमेर प्रशासन ने अब समस्या का समाधान कर लिया है। यदि किसी भी अल्पसंख्यक को तहसील से प्रमाण पत्र लेने में कोई परेशानी हो रही है तो वह जिला अल्पसंख्यक अधिकारी के कार्यालय में उपस्थित हो सकता है। खान ने बताया कि अब हमारे कार्यालय के सत्यापन के बाद तहसील कार्यालय प्रमाण पत्र जारी कर देगा। अजमेर में अल्पसंख्यक अधिकारी का कार्यालय कलेक्ट्रेट परिसर में है। खान ने कहा कि कोई भी पीड़ित व्यक्ति उनसे आकर भी मिल सकता है। अब राजस्व रिकाॅर्ड में इन्द्राज नहीं होने के बाद भी अल्पसंख्यक समुदाय को जाति प्रमाण पत्र मिल जाएगा।
शहीद जवानों को सम्मानः
4 जुलाई को मैंने ब्लाॅग में शहीद जवानों के सम्मान का मुद्दा भी उठाया था। इसमें लिखा गया कि सरकार ने स्कूलों के नाम शहीद जवान के नाम रख दिए है, लेकिन स्कूल के दस्तावेज और राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के रिकाॅर्ड में कोई बदलाव नहीं हुआ है। सरकार ने इस ब्लाॅग पर भी तत्काल कार्यवाही करते हुए 5 जुलाई को ही आदेश जारी कर दिए हैं।  माध्यमिक शिक्षा के  निदेशक नथमल डिन्डेल ने एक परिपत्र जारी कर कहा है कि स्कूल और शिक्षा बोर्ड के सभी दस्तावेजों में तत्काल प्रभाव से संबंधित शहीद जवान के नाम का उल्लेख कर दिया जाएगा। मालूम हो कि ब्लाॅग में राजस्थान चीता मेहरात काठात महासभा के अध्यक्ष जलालुद्दीन काठात के पत्र का भी उल्लेख किया गया था। इस संबंध में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9414009013 पर जलालुद्दीन काठात से ली जा सकती है। 

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