Thursday 28 January 2016

मित्तल अस्पताल और मेडीक्लेम पॉलिसी कंपनियों के बीच मिलीभगत उजागर।



अस्पताल में हुआ हंगामा।
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अजमेर के पुष्कर रोड स्थित मित्तल अस्पताल के प्रबंधन और मेडीक्लेम पॉलिसी करने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों के बीच मिली भगत होने का एक मामला 28 जनवरी को उजागर हुआ है। आरोपों को सही माने तो कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर मित्तल अस्पताल का प्रबंधन खुलेआम वित्तीय अनियमितताएं कर रहा है। 28 जनवरी को इस मुद्दे को लेकर अस्पताल परिसर में जोरदार हंगामा भी हुआ। अब मित्तल अस्पताल का प्रबंधन आरोप लगाने वालों के सामने गिड़गिड़ाने की स्थिति में खड़ा है। अजमेर जिले के श्रीनगर कस्बे में रहने वाले दिलीप राठी ने बताया कि उसकी पत्नी श्रीमती चन्द्रकांता श्रीनगर की सरपंच हैं। चन्द्रकांता को दिल की बीमारी की वजह से 22 जनवरी को मित्तल अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। अस्पताल में ले जाते ही डॉक्टरों ने पत्नी को वेंटीलेटर पर रखने की आवश्यकता जताई। लेकिन पत्नी की स्थिति को देखते हुए हमने वेंटीलेटर पर रखने से मना कर दिया। फिर डॉक्टरों ने अपने स्तर पर निर्णय कर पत्नी को आईसीयू में भर्ती कर लिया। भर्ती के समय बताया गया कि आईसीयू के 4 हजार 800 रुपए प्रतिदिन लगेंगे तथा सिटी स्केन का 2 हजार 100 रुपए का शुल्क होगा। हमने इन शुल्कों पर सहमति दे दी, लेकिन 28 जनवरी को हमें पता चला कि आईसीयू रूम के 6 हजार 800 रुपए प्रतिदिन तथा सिटी स्कैन के 2 हजार 800 रुपए बिल में लगाए गए हैं। इतना ही नहीं रविवार को किसी भी डॉक्टर ने चन्द्रकांता के स्वास्थ्य की जांच नहीं की। लेकिन इसके बावजूद भी बिल में डॉक्टर का विजिट चार्ज शामिल था। इस पर हमने अस्पताल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्यामसुंदर सोमानी के समक्ष नाराजगी प्रकट की, तो सोमानी का कहना रहा कि आपकी पत्नी की यूनाईटेड इश्योरेंस कंपनी से मेडीक्लेम पॉलिसी है। आपको तो अस्पताल का सारा खर्च कंपनी से मिल जाएगा। सोमानी का यह भी कहना रहा कि आपको कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है। कंपनी से हम पूरा भुगतान प्राप्त कर लेंगे। 
दिलीप राठी ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन का यह जवाब सुनकर मुझे बेहद आश्चर्य हुआ। चूंकि मेरी पत्नी जनप्रतिनिधि है और मैं स्वयं भी वार्ड पंच हंू। इसलिए मुझे यह उचित नहीं लगा कि मिली भगत से देश के संसाधनों का नुकसान हो। राठी ने कहा कि पॉलिसी का प्रीमियम  तो ग्राहक देता है,लेकिन उसका फायदा मित्तल अस्पताल का प्रबंधन उठा रहा है। राठी ने कहा कि अब इस मामले की शिकायत प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ से जी जाएगी। इसके साथ ही यूनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी के बड़े अधिकारियों का भी ध्यान आकर्षित किया जाएगा कि किस प्रकार अजमेर में कंपनी के प्रतिनिधि मित्तल अस्पताल के प्रबंधन से मिलकर देश का नुकसान कर रहे हैं। राठी ने बताया कि जब अस्पताल प्रबंधन की वित्तीय अनियमितता उजागर हुई तो अब वरिष्ठ उपाध्यक्ष सोमानी और अन्य अधिकारी समझौता करने की बात कह रहे हैं। सोमानी का कहना है कि बिलिंग करने वाले कर्मचारियों की लापरवाही से कुछ गड़बड़ी हो गई है। राठी ने स्पष्ट कहा है कि वे मित्तल अस्पताल के प्रबंधन से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे। क्योंकि यह राष्ट्रीय हित का मामला है। इस बात की जांच होनी ही चाहिए कि अस्पताल प्रबंधन मेडीक्लेम वाले मरीजों से ज्यादा शुल्क क्यों वसूलता है?
(एस.पी. मित्तल)  (28-01-2016)
(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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