Tuesday 19 January 2016

पुष्कर के विधायक सुरेश सिंह रावत ने दिखाई दक्षता



======================================================
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अजमेर जिले में पुष्कर के भाजपा विधायक सुरेश सिंह रावत को संसदीय सचिव नियुक्त कर राज्य मंत्री का दर्जा दे दिया है। अब रावत भी स्कूली शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी और महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती अनिता भदेल की तरह लालबत्ती लगी सरकारी गाड़ी में घूमेंगे। रावत ने पहली बार विधायक का चुनाव लड़ा और पहली बार ही राज्यमंत्री का दर्जा हासिल कर लिया। ऐसा नहीं कि रावत ही एक मात्र दावेदार थे। संसदीय सचिव के पद पर किशनगढ़ के विधायक भागीरथ चौधरी और ब्यावर के विधायक शंकर सिंह रावत के साथ-साथ केकड़ी के शत्रुघ्न गौतम और मसूदा की विधायक श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा की भी दावेदारी थी। शंकर सिंह रावत और भागीरथ चौधरी तो दूसरी बार विधायक चुने गए, जबकि गौतम ने कांग्रेस के मुख्य सचेतक रघु शर्मा को हराया था और श्रीमती पलाड़ा ने अपने क्षेत्र में जनसुनवाई कर जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की थी। लेकिन सुरेश रावत ने मुख्यमंत्री के समक्ष को दक्षता दिखाई उसी की वजह से रावत को संसदीय सचिव का पद मिला। अभी हाल ही में सरकार ने जब दो वर्ष पूरे किए तो रावत ने अपने पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में कराए गए विकास कार्यों पर एक पुस्तिका प्रकाशित की। इस पुस्तिका को रावत ने अपने तरीके से मुख्यमंत्री राजे को पढ़वा दिया। जानकारों की माने तो इस पुस्तिका से प्रभावित होकर ही राजे ने रावत को संसदीय सचिव का पद तोहफे में दे दिया। ब्यावर के विधायक रावत पूरे प्रदेश में ऐसे भाजपा विधायक हैं जो सर्वाधिक मतों से जीतने वालों में दूसरे नम्बर पर हैं। ब्यावर के लोग बरसों से जिला बनाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन अब ब्यावर के नागरिक मायूस हैं कि उनके विधायक को संसदीय सचिव तक नहीं बनाया गया है। इस उपेक्षा से शंकर सिंह रावत नाराज बताए जा रहे हैं। 
18 जनवरी की शाम को जब संसदीय सचिव की घोषणा हुई तो सुबह मुख्यमंत्री आवास पर अजमेर जिले के दो भाजपा विधायकों ने वसुंधरा राजे से मुलाकात की थी। यह विधायक रहे श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा और सुरेश सिंह रावत। श्रीमती पलाड़ा और उनके पति समाजसेवी भंवर सिंह पलाड़ाको तो मुख्यमंत्री अपने आवास के अंदर भी ले गई। इस मुलाकात में पलाड़ा दम्पत्ति ने बताया कि विधायक की जनसुनवाई कितनी लोकप्रिय हुई है। इस पर राजे ने कहा कि इसी तरह की जनसुनवाई अन्य विधायकों को भी करनी चाहिए।  18 जनवरी को सुबह भले ही राजे सुरेश सिंह रावत से अलग से न मिली हों, लेकिन शाम को संसदीय सचिव का पद रावत को ही दिया। 
तीन के पास लालबत्ती:
अजमेर जिले में 8 में से 7 भाजपा के विधायक हैं। इनमें से अब तीन विधायकों को लालबत्ती वाली कार मिल गई है। देवनानी और भदेल के पास तो पहले से ही लालबत्ती थी और अब सुरेश सिंह रावत के पास भी लालबत्ती आ गई है। एक तरह से अजेमर जिले में पूरी तरह भाजपा का कब्जा हो गया है। जिला प्रमुख और मेयर भी भाजपा के हैं। इसी प्रकार 18 जनवरी को ही भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवशंकर हेड़ा को अजमेर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष मनोनीत किया है। अजमेर के ही औंकार सिंह लखावत राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष हैं।
(एस.पी. मित्तल)  (19-01-2016)
(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

No comments:

Post a Comment