Sunday 24 January 2016

जेल प्रहरी परीक्षा रद्द



कर्नाटक की मणीपाल टेक्नोलॉजी लिमिटेड कम्पनी के लापरवाह रवैये से एक लाख रुपए में बिका जेल प्रहरी परीक्षा का प्रश्न पत्र।
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24 जनवरी को राजस्थान में जेल प्रहरी परीक्षा का प्रश्नपत्र एक लाख रुपए तक में बिकने का जो मामला उजागर हुआ है। उसमें कर्नाटक की मणीपाल टेक्नोलॉजी कम्पनी की लापरवाही भी सामने आई है। परीक्षा 24 जनवरी को प्रदेश भर में प्रात: 8:30 बजे शुरू हुई लेकिन प्रश्न पत्र 23 जनवरी की रात को ही परीक्षार्थियों के हाथों में आ गया। अजमेर, जयपुर,झुंझुनू, जालोर आदि में प्रश्न पत्र पांच हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक में बिकने की खबरे सामने आई है। प्रदेश की जेलों की सुरक्षा के लिए राजस्थान सरकार ने 950 प्रत्याशियों की भर्ती का काम इस बार कर्नाटक की मणीपाल टेक्नोलॉजी लिमिटेड कम्पनी (एमपीएल) को दिया था। इस कंपनी ने ही प्रश्न पत्रों को छपवाना फिर पैकिंग की और परीक्षा केन्द्रों तक पहुंचाया। चूंकि इस कंपनी का राजस्थान में कोई प्रभावी नेटवर्क नहीं है। इसलिए कंपनी के प्रतिनिधियों ने जिला स्तर पर परीक्षा के काम के ठेके दे दिए। जिन लोगों को जिम्मेदारी दी गई उनकी कोई गारंटी नहीं थी। कर्नाटक में बैठे कंपनी के संचालकों को यह पता ही नहीं चला कि अजमेर,जयपुर, झुंझुनू, जालोर आदि में किन लोगों को परीक्षा का ठेका दिया गया है। जिन लोगों के हाथों में प्रश्न पत्र थे उन्होंने ही परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्रों को बेचने का काम शुरू कर दिया। छोटे-छोटे ठेकेदारो ने मूल प्रश्न पत्र बेचने अथवा चुराने के बजाए मूल प्रश्न पत्र की फोटो मोबाइल फोन से खीची फिर उसे खरीददारो तक पहुंचा दिया। पुलिस ने प्रदेश भर में ऐसे परीक्षार्थियों को गिरफ्तार किया है जिनके पास से परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र था। वह लोग भी गिरफ्तार हुए है जो प्रश्न पत्र को बेच रहे थे। शर्मनाक बात तो यह थी कि मोबाइल पर ही प्रश्न पत्र को इधर से उधर भेजा गया। भले ही प्रश्न पत्र एमपीएल कंपनी की लापरवाही से आउट हुआ हो लेकिन राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार भी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती है। राजे इन दिनों सरकारी कामकाज में कारपोरेट घरानों का दखल करवा रही है। बिजली, पानी, चिकित्सा, शिक्षा आदि के क्षेत्रों में भी कारपोरेट घरानों को शामिल किया जा रहा है। जानकारों की माने तो जेल प्रहरी परीक्षा एमपीएल कंपनी से करवाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री राजे ने ही दिए थे। ठेका लेने से पहले कंपनी के प्रतिनिधि और सीईओ राजे से मिले थे। कंपनी ने यह दावा किया था कि कर्नाटक और देश के अन्य राज्यों में परीक्षाएं करवाने का काम कंपनी के द्वारा किया जा रहा है। कंपनी के पास जो टेक्नोलॉजी है उसकी वजह से परीक्षा की गोपनीयता भी बनी रहेगी, लेकिन 24 जनवरी को एमपीएल के दावों की पोल पूरी तरह खुल गई। प्रश्न पत्रों के आउट होने की शिकायतों के बाद पुलिस महानिदेशक जेल अजीत सिंह ने एक आदेश जारी कर 24 जनवरी की परीक्षा को रद्द कर दिया। 
(एस.पी. मित्तल)  (24-01-2016)
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