Monday 25 January 2016

आखिर पांच लाख युवाओं की परेशानी का जिम्मेदार कौन।



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राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस बार बीकानेर में गणतंत्र दिवस का राज्य स्तरीय समारोह मना रही है। देश के गणतंत्र दिवस का समारोह धूमधाम व उमंग से मनाया जाना चाहिए। इसमें वसुंधरा राजे कोई कसर नहीं छोड़ रही हंै। 25 जनवरी को शाम शानदार एटहोम का आयोजन किया गया। 26 जनवरी को समारोह में प्रदेश के विकास की झांकियों का प्रदर्शन भी होगा, लेकिन इसके साथ ही यह सवाल उठता है कि जेल प्रहरी परीक्षा में शामिल होने वाले प्रदेश के पांच लाख युवाओं को हुई परेशानी का जिम्मेदार कौन है? जेल प्रहरी के मात्र 950 पद हंै, लेकिन पांच लाख युवाओं ने परीक्षा के लिए आवेदन किया। इन युवाओं ने 24 जनवरी को मुश्किल उठाते हुए परीक्षा भी दी। लेकिन परीक्षा करवाने वाली एजेंसी मणिपाल टेक्नोलॉजी लिमिटेड का प्रश्न पत्र आउट हो गया। दो लाख रुपए तक में प्रश्न पत्र बिकने की खबरों के बाद सरकार ने परीक्षा को रद्द कर दिया। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को इस बात का अहसास होना चाहिए कि प्रदेश का युवा वर्ग बड़ी मुश्किल में परीक्षा दे पाता है। 24 जनवरी की प्रात: 8:30 बजे होने वाली परीक्षा के लिए युवा 23 जनवरी की रात को ही परीक्षा केन्द्र के आसपास जमा हो गए। युवा किसी होटल में नहीं बल्कि मंदिर धर्मशाला, फुटपाथ, सड़क, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर ही सोते रहे। युवाओं ने जिन कठिनाइयों में परीक्षा दी उसका अहसास शायद उन लोगों को न हो जो पांच सितारा होटलों में ठहरते हैं। यह सही है कि प्रश्न पत्रों की खरीद फरोख्त मुश्किल से दो चार सौ युवाओं ने की होगी। लेकिन इसका खामियाजा पांच लाख युवाओं को उठाना पड़ा है। सवाल उठता है कि क्या सरकार एक भर्ती परीक्षा भी पुख्ता तरीके से नहीं करवा सकती? सरकार ने एक निजी कंपनी को परीक्षा का ठेका देकर स्वयं को जिम्मेदारी से मुक्त कर लिया। सरकार ने यह भी नहीं देखा कि इस कंपनी के पास अपना नेटवर्क है या नहीं। 24 जनवरी को परीक्षा के जो हालात दिखे उससे साफ जाहिर था कि परीक्षा कराने वाली कंपनी का अपना कोई नेटवर्क राजस्थान में नहीं है। जिन व्यक्तियों को ठेके पर रखा गया, उनमें आपस में ही तालमेल नहीं था। परीक्षा प्रात:11 बजे ही समाप्त हो गई। लेकिन केन्द्रों पर ओएमआर शीट सायं चार बजे तक पड़ी रही। यही हालत प्रश्न पत्रों का भी रहा। सरकार को जेल प्रहरी परीक्षा में हुए घोटाले की निष्पक्ष जांच करवानी चाहिए और उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही हो जिन्होंने निजी कंपनी को परीक्षा कराने का ठेका दिया। वसुंधरा राजे भले ही बीकानेर में गणतंत्र दिवस का जश्न मनाए लेकिन उनकी सरकार अपनी जिम्मेदारियों से बच नहीं सकती है। 
दो दिन का रिमांड:
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अजमेर के क्रिश्चियनगंज पुलिस ने 24 जनवरी को परीक्षा के प्रश्न पत्र बेचने के आरोप में जिन 38 युवाओं को गिरफ्तार किया था, उन्हें 25 जनवरी को अजमेर की अदालत में दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। अब पुलिस यह पता लगाएगी कि इन युवाओं के पास प्रश्न पत्र कहां से आए। 
(एस.पी. मित्तल)  (25-01-2016)
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