Wednesday 13 January 2016

राजस्व मंडल में शाम चार बजे तक सुनवाई का काम शुरू



राजस्थान राजस्व मंडल में रोजाना प्रात: 10:30 बजे से सायं साढ़े चार बजे तक मुकदमों की सुनवाई का काम शुरू हो गया है। इसमें प्रदेश भर के गरीब काश्तकारों को राहत मिलेगी।
मालूम हो कि हाई कोर्ट ने हाल ही में आदेश दिए थे कि राजस्व मंडल में भी न्यायिक अदालतों की तरह दिन भर काम हो। हाईकोर्ट को यह आदेश इस लिए देने पढ़े क्योंकि राजस्व मंडल में दोपहर डेढ़ बजे बाद मुकदमों की सुनवाई की परंपरा नहीं थी। यहां सदस्यों के रूप में नियुक्त होने वाले आईएएस और आरएएस अधिकारी प्रात: 11 बजे सुनवाई शुरू करते और डेढ़ बजे तक सुनवाई बंद कर देते हैं। इससे मंडल में मुकदमों का अम्बार लग गया। 
लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद 13 जनवरी से राजस्व मंडल में सभी सदस्यों ने प्रात: साढ़े दस बजे से सायं साढ़े चार बजे तक अदालतों में बैठकर मुकदमों की सुनवाई का काम किया। इस संबंध में मंडल की अध्यक्ष नीलिमा जौहरी ने भी सभी सदस्यों को पाबंद किया है कि वह रोजाना प्रात: साढ़े दस से सायं साढ़े चार बजे तक मुकदमों की सुनवाई करें। 
बार ने किया स्वागत:
राजस्व मंडल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पूर्णांशंकर दशोरा ने मंडल के सदस्यों के दिनभर सुनवाई करने के निर्णय का स्वागत किया है। दशोरा ने कहा कि इस फैसले का वकील भी पूरा सहयोग करेंगे। वकील भी चाहते हैं कि पक्षकारों क मुकदमों का निर्णय जल्द से जल्द हो। 
काश्तकारों को मिलेगी राहत:
मंडल में दिनभर सुनवाई होने से प्रदेशभर के काश्तकारों को राहत मिलेंगी। असल में मंडल में जमीनों के विवाद ही सुनवाई के लिए दर्ज होते हैं। आम राय है कि काश्तकारों की पीढिय़ां गुजर जाती है, लेकिन राजस्व मंडल में निर्णय नहीं हो पाता। इसकी वजह यही बताई गई है कि मंडल में न्यायिक कार्य मुश्किल से तीन घंटे ही हो पाता है। यहां नियुक्त होने वाले आईएएस तो काम करने में रुचि ही नहीं दिखाते है। लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेश से राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि इस संबंध में मंडल के सदस्यों का कहना है कि अब सरकार को स्टाफ में भी वृद्धि करनी चाहिए। न्यायिक अदालतों में एक मजिस्ट्रेट के पास दो या तीन स्टेनों तथा चार या पांच न्यायिक कर्मचारी भी होते है। जबकि राजस्व मंडल के सदस्य को सिर्फ एक स्टेनो मिलता है और यही स्टेनो कई बार अदालत के रीडर का भी काम करता है।
(एस.पी. मित्तल)  (13-01-2016)
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