Sunday 25 October 2015

सफाई के भुगतान में वृद्धि से शांति से हो जाएगी अजमेर नगर निगम की साधारण सभा। एक करोड़ 16 लाख रुपए तय।



स्मार्ट सिटी बनने की दौड़ में शामिल अजमेर के नगर निगम की साधारण सभा 28 अक्टूबर को होगी। इससे पहले ही निगम के आयुक्त एच.गुइटे ने सफाई के कार्य के भुगतान में वृद्धि कर दी है। पहले कचरे के परिवहन पर 26 लाख 51 हजार रुपए का भुगतान प्रतिमाह किया जाता था, लेकिन 21 सितम्बर से 32 लाख रुपए प्रतिमाह कर दिए हैं, जबकि सफाई कार्य पर पहले ही तरह 68 लाख 16 हजार 375 रुपए का भुगतान प्रतिमाह किया जाता रहेगा। यानि अब सब कुछ मिलाकर एक करोड़ 16 लाख 375 रुपए प्रतिमाह सफाई कार्य पर खर्च होंगे। बताया जाता है कि सफाई ठेकेदार के भुगतान में वृद्धि से अधिकांश पार्षद खुश हंै, इसलिए माना जा रहा है कि 28 अक्टूबर को होने वाली साधारण सभा शांति के साथ हो जाएगी। सभा में भुगतान वृद्धि का प्रस्ताव भी रखा गया है। 
पूर्व कांग्रेसी पार्षद करते हैं सफाई का कार्य
भाजपा के धर्मेन्द्र गहलोत भले ही अजमेर के मेयर बन गए हों, लेकिन सफाई का कार्य अभी भी कांग्रेस के पूर्व पार्षद हेमंत शर्मा,अशोक जैन, मनोज जैन आदि के रिश्तेदारों अथवा परिचित के द्वारा ही किया जाता है। यही वजह है कि साधारण सभा में शांति बने रहे, इसके लिए कांग्रेस के पूर्व पार्षद सक्रिय हैं। कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा के पार्षदों से भी सम्पर्क साधा गया है। 
शेखावत को देनी है मात
मेयर गहलोत की रणनीति सुरेन्द्र सिंह शेखावत को मात देनी की है। शेखावत ने ही भाजपा से बगावत कर कांग्रेस के समर्थन से मेयर का चुनाव लड़ा था और 60 में से 30 पार्षदों के मत हासिल कर गहलोत से बराबरी कर ली थी। बाद पर्ची से गहलोत मेयर बन गए। गहलोत नहीं चाहते है कि निगम की पहली सभा में बराबरी की स्थिति हो। ऐसे में गहलोत को उन भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों का भी समर्थन चाहिए, जिन्होंने चुनाव में शेखावत को वोट दिया था। अब चूंकि सत्ता गहलोत के हाथ में इसलिए सफाई कार्य में सक्रिय कांग्रेस के पूर्व पार्षद भी दोनों दलों के पार्षदों से सम्पर्क कर रहे हैं। देखना है कि गहलोत ने जो रणनीति बनाई है, उसे शेखावत कैसे छिन्न-भिन्न करते हैं। गहलोत पूर्व में भी पांच वर्ष मेयर रहे हैं, तब भी भाजपा से ज्यादा कांग्रेस के पार्षद खुश रहते थे। पांच वर्ष में कभी भी कांग्रेसी पार्षदों ने हंगामा अथवा विरोध नहीं किया। असल में पार्षदों को संतुष्ट रखने के सारे तौर तरीके गहलोत को पता है। अब निगम में पांच वर्ष वो ही होगा, जो धर्मेन्द्र गहलोत चाहेंगे। 
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

No comments:

Post a Comment