Saturday 24 October 2015

इतने इंतजाम के बाद भी दिखी बदइंतजामी।



सीएम साहिबा अन्दाजा लगाओ हालातों का
राजस्थान की सीएम वसुन्धरा राजे 23 से 25 अक्टूबर तक बाड़मेर जिले के दौरे पर हैं। सीएम बाड़मेर में 3 दिन रहेंगी। इस बात की जानकारी आम लोगों को तो है ही साथ ही चपरासी से लेकर कलेक्टर तक को पता है। पहले से ही यह ढिंढोरा पीटा जा रहा है कि सीएम किसी भी दफ्तर का औचक निरीक्षण भी कर सकती है। इस स्थिति को देखते हुए बाड़मेर के सभी विभाग अलर्ट थे। यहीं इस बात का पुख्ता इंतजाम किया कि सीएम के आने पर कोई बदइंतजामी नजर न आए। सार्वजनिक अवकाश के बाद भी सरकारी कर्मचारी दिनभर ड्यूटी पर मुस्तैद रहे। ऐसे पुख्ता इंतजाम वाले माहौल में 24 अक्टूबर को राजे ने शहरी सीमा से सटे नरेगा के कार्य को देखने के साथ-साथ जलदाय विभाग और विद्युत निगम के एक-एक दफ्तर को भी देखा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार तीनों स्थानों पर सीएम राजे ने नाराजगी दिखाई और माना कि यह विभाग जनता के हित के लिए कार्य नहीं कर रहे हैं। सवाल यह नहीं है कि सीएम को बदइंतजामी नजर आई। सवाल यह है कि इस बदइंतजामी के बाद प्रदेशभर के सरकारी दफ्तर की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। सीएम माने या नहीं लेकिन सरकारी दफ्तरों के हालात इतने खराब हैं कि आम जनता का कोई कार्य होता ही नहीं है। पहली बात तो अधिकारी और कर्मचारी अपनी सीटों पर मिलते ही नहीं है और कभी मिल जाए तो टालने के अलावा कुछ नहीं करते। जो व्यक्ति ईमानदारी से अपना काम करवाना चाहता है। उसका काम इस जीवनकाल में तो हो ही नहीं सकता और जो व्यक्ति रिश्वत देता है उसके काम के आदेश घर पर भिजवा दिए जाते हैं। सीएम साहिबा को यदि अपने शासन की बदइंतजामी सही मायने में देखनी है तो उन्हें चुपचाप बिना ढिंढोरा पीटे कार्य दिवस के दिन किसी भी दफ्तर में सामान्य महिला बनकर जाना चाहिए। 24 अक्टूबर को जो अफसरशाही सीएम के सामने गिड़गिड़ाती नजर आई वही अफसरशाही आम जनता से कैसा सलूक करती है। इस बात को जानने के लिए वसुंधरा राजे को सामान्य महिला बनना पड़ेगा। यह अच्छी बात है कि सीएम स्वयं जिलास्तर पर जाकर हकीकत को देख रही है लेकिन सीएम को उस अफसरशाही में सर्तक रहना होगा जो झूठे आकड़े देकर गुमराह करती है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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