Sunday 4 October 2015

क्या राज भवन में मन नहीं लग रहा कल्याण सिंह का

केन्द्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद कल्याण सिंह को राजस्थान का राज्यपाल नियुत किया गया। कल्याण सिंह की गिनती भाजपा के दमदार नेताओं में होती है। सिंह जब यूपी के सीएम थे, तब बाबरी मस्जिद का विवाद हुआ था, तब सिंह की छवि राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरी। अपने राजनीतिक महत्त्व को देखते हुए कल्याण सिंह ने बड़ी मुश्किल से राज्यपाल का पद स्वीकार किया। जानकारों की माने तो राजस्थान के राजभवन में कल्याण सिंह का मन नहीं लग रहा है। इस बात का आभास कल्याण सिंह की तीन दिवसीय अजमेर यात्रा से होता है। सिंह को पांच अक्टूबर को सायं 4 बजे एमडीएस यूनिवर्सिटी में दीक्षांत समारोह में भाग लेना है। लेकिन इसके लिए कल्याण सिंह ने तीन दिवसीय दौरान निर्धारित किया है। राज्यपाल 4 अक्टूबर को दोपहर में ही अजमेर पहुंच गए हैं। राज्यपाल बड़े आराम से प्रशासनिक अधिकारियों और भाजपा सेजुड़े नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। राज्यपाल भाजपा की गतिविधियों में भी रुचि ले रहे हैं। तय कार्यक्रम के मुताबिक राज्यपाल छह अक्टूबर को दोपहर बाद अजमेर से रवाना होंगे। राज्यपाल ने जिस तरह मात्र एक कार्यक्रम के लिए तीन दिन का दौरा निर्धारित किया है,इससे लगता है कि कल्याण सिंह का मन राजभवन में नहीं लग रहा है। भले ही कल्याण सिंह अपने राजनीतिक महत्त्व को देखते हुए राज्यपाल के पद को छोटा मान रहे हो,लेकिन यह भी सर्वविदित है कि राज्यपाल का स्वास्थ्य बेहद खराब है। राज्यपाल को चलने में भी परेशानी होती है। चार अक्टूबर को जब कल्याण सिंह अजमेर के सर्किट हाउस पर कार से उतरे तो राजभवन के वरिष्ठ अधिकारी ने उनका एक हाथ पकड़ा रखा था। कल्याण सिंह इस अधिकारी के हाथ को थामे हुए ही परेड की सलामी लेने के लिए परेड स्थल तक पहुंचे। सर्किट हाउस की सीढिय़ां भी कल्याण सिंह को पकड़ कर चढ़ाई गई।
मैडल देने में भी परेशानी:
पांच अक्टूबर को होने वाले दीक्षांत समारोह में 279 गोल्ड मैडल प्रतिभावान विद्यार्थियों को दिए जाने है, लेकिन यूनिवर्सिटी के शिक्षाविदों को भी पता है कि राज्यपाल कल्याण सिंह इतने विद्यार्थियों को स्वर्णपदक खड़े होकर गोल्ड मैडल नहीं दे सकते। इसलिए चुनिंदा विद्यार्थियों को ही गोल्ड मैडल राज्यपाल के हाथों से दिलवाए जाएंगे। यह बात अलग है कि हर विद्यार्थी राज्यपाल के हाथों से ही गोल्ड मैडल लेना चाहता हैं।
फोटो: कल्याण सिंह को थामे अधिकारी।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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