Tuesday 20 October 2015

कलेक्टर मेहरबान तो अफसर पहलवान



अजमेर की जिला कलेक्टर डॉ.आरूषी मलिक की मेहरबानी की वजह से आरएएस अधिकारी जगदीश चन्द हेड़ा अजमेर से लेकर नाथद्वारा तक पहलवान की भूमिका निभा रहे है। सरकार ने 15 दिन पहले हेड़ा का तबादला नाथद्वारा स्थित श्रीनाथ जी के मंदिर के बोर्ड के सीईओ के पद पर कर दिया। प्रशासनिक व्यवस्था में ऐसा कम ही होता है जब कोई अधिकारी अपने वर्तमान पद से रीलिज हुए बिना ही नए पद पर ज्वाइन कर ले। चूंकि हेड़ा पर कलेक्टर मलिक की विशेष कृपा है इसलिए हेड़ा जहां नाथद्वारा में श्रीनाथजी की सेवा कर रहे है वही अजमेर में जिला प्रशासन में भी दखल बनाए रखा है। नाथद्वारा में मंदिर के सीईओ का पद ग्रहण करने के बाद भी हेड़ा अजमेर में एक नहीं बल्कि तीन पदों पर काम कर रहे है। हेड़ा की नियुक्ति वैसे तो जिला परिषद के एसीईओ पर है लेकिन सीईओ राजेश चौहान के विदेश जाने की वजह से हेड़ा के पास ही सीईओ का भी चार्ज है। इसके अलावा कलेक्टर मलिक ने हेड़ा को अतिरिक्त कलेक्टर द्वितीय के पद का भी चार्ज दे रखा है। यानि कलेक्टर की मेहरबानी में हेड़ा एक साथ चार पदों का काम कर रहे है। इसके अतिरिक्त कलेक्टर प्रथम के राजस्व विभाग का काम भी हेड़ा के पास ही है। कलेक्टर की वजह से हेड़ा अजमेर में जिला प्रशासन में सबसे ताकतवर अधिकारी है। यह बात अलग है कि हेड़ा को हटाने के लिए जिला प्रमुख वंदना नोगिया ने सीएम वसुंधरा राजे तक से गुहार की थी। हेड़ा ने ही नियमों का हवाला देते हुए जिला प्रमुख के सरकारी वाहन से लालबत्ती हटवाई और सरेआम मीडिया में बयानबाजी की। जिला प्रमुख की शिकायत के बाद सरकार ने तो हेड़ा को अजमेर से हटा दिया लेकिन कलेक्टर की मेहरबानी से हेड़ा अभी भी अजमेर में ही कार्यरत है।
और अफसरों पर भी है मेहरबानी :
कलेक्टर की मेहरबानी सिर्फ हेड़ा पर ही नहीं है बल्कि जिले के किशनगढ़ उपखंड के सब रजिस्ट्रार प्रवीण गुगरवाल पर भी है। सरकार ने किशनगढ़ में तहसीलदार के पद पर महावीर जैन की नियुक्ति की है लेकिन कलेक्टर ने सब रजिस्ट्रार गुगरवाल को ही किशनगढ़ में तहसीलदार का चार्ज दे रखा है जबकि बेचारे महावीर जैन जिला मुख्यालय पर ही इधर-उधर भटक रहे है। कलेक्टर की मेहरबानी नसीराबाद के तहसीलदार सुनील कटेवा पर भी है। कटेवा को श्रीनगर उप तहसील का भी चार्ज दे रखा है जबकि पीसांगन उप तहसील के नायब तहसीलदार रामसिंह राठौड़ फालतु बैठे हुए है। राठौड़ के यह समझ में नहीं आ रहा कि श्रीनगर की उप तहसील का चार्ज उनके बजाए सुनील कटेवा को क्यों दिया गया है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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